3 करोड़ रुपये के ड्रग्स के 1 महीने पुराने केस में हरियाणा एनसीबी ने किया मुख्य आरोपी गिरफ्तार
चंडीगढ़, 25 दिसंबर – प्रदेश पुलिस ने डेढ़ महीने पहले प्रदेश के पलवल जिले में केएमपी टोल से 3 करोड़ की चुरा पोस्त बरामद मामले में मुख्य आरोपी को झारखण्ड से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। विदित है कि अक्टूबर माह में नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे प्रदेश में विशेष अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए हरियाणा एनसीबी ने सुराग जुटाते हुए एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन में एक संदिग्ध ट्रक को केएमपी टोल प्लाजा पर रोका गया था। जांच में ट्रक में 40 क्विंटल और 15 किलोग्राम चुरा पोस्त, जो कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत प्रतिबंधित मादक पदार्थ है, जिसकी अनुमानित सड़क कीमत लगभग 3 करोड़ रुपये थी। उक्त ट्रक, जो झारखंड के चतरा से चलकर हरियाणा से होते हुए राजस्थान के जोधपुर जा रहा था। हरियाणा एनसीबी की टीम ने उक्त केस में 2 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी राजस्थान के रहने वाले थे। हालांकि मुख्य आरोपी झारखण्ड का था, जिस पर कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में नशा तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए केस नंबर 316 दिनांक 27/10/23 थाना सदर पलवल में दर्ज किया था, जिसमें लगभग 40 किंवटल चूरा पोस्त का असल तस्कर विवेक उर्फ़ डबलू को जिला चतरा, झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी पर पहले से ही झारखण्ड में 2 मुक़दमे दर्ज है। आरोपी को अदालत में पेश करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है। उपरोक्त अभियोग में निरंतर जांच करते हुए सबूत जुटाकर अन्तर्राज्यीय तस्कर को गिरफ्तार किया गया है और प्रदेश में माननीय अदालत में जल्द पेश कर का पुलिस रिमांड प्राप्त किया जाएगा। हरियाणा एनसीबी ने नशीले पदार्थों और अवैध पदार्थों के खतरे से निपटने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध है। गिरफ्तारियों के साथ यह सफल ऑपरेशन, प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अथक प्रयासों को रेखांकित करता है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा एनसीबी ने महत्वपूर्ण सुराग जुटाते हुए कैंटर सवार 2 नशा तस्करों से 2 किवंटल 52 किलोग्राम डोडा चुरा पोस्त बरामद करने में सफलता हासिल की है। इस संबंध में बताया कि डीएसपी जगबीर सिंह व इंस्पेक्टर सुखपाल की एक पुलिस टीम ने चौकिंग के दौरान जी टी रोड़, उमरी चौक कुरूक्षेत्र पर मुखबिर की सूचना पर मध्य प्रदेश की तरफ से आते एक सफ़ेद कैंटर को रुकवाया। जानकारी अनुसार, कैंटर जीटी रोड करनाल के रास्ते पिपली कुरुक्षेत्र की तरफ आ रहा है और पंजाब की तरफ जा रहा था। पुलिस टीम ने जीटी रोड पर नाकाबंदी शुरू कर साइड में लगवा कर कैंटर रुकवाया और दोनों व्यक्तियों से जब पूछा गया कि कैंटर में क्या है तो दोनों आरोपी डर गए। मौके पर राजपत्रित अधिकारी प्रदीप कुमार, डीएसपी कुरूक्षेत्र को बुलाकर जब कैंटर की तलाशी ली गई तो कैंटर में रखे
10 कट्टे में चुरा पोस्त बरामद हुआ, जिनका कंप्यूटर कांटे पर वजन करने पर 252 किलोग्राम हुआ। दोनों आरोपियों की पहचान, गुरशरण सिंह निवासी फतेहगढ़ साहिब पंजाब व भूपेंद्र निवासी जिला फतेहगढ़ साहिब, पंजाब के रूप में हुई हैं। जिसके संबंध में थाना सदर थानेसर में मादक पदार्थ अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया और जल्द ही आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड लिया जाऐगा। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जहां से भी यह नशा खरीद कर लाए थे और सप्लाई करना था उसे किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उसके लिए भी एक पुलिस टीम तैयार की गई है, जल्दी ही विक्रेता को काबू कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
एचएसएनसीबी हरियाणा न की सिर्फ आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है, बल्कि आरोपियों को सज़ा भी दिलवा रही है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो जागरूकता अभियान के जरिए आम जन तक पहुंच रही हैं। अभी तक प्रदेश भर में 141 वाणिज्य मुकदमा में 24 में नशा तस्करों को लाखों रूपए जुर्माना सहित 10 से 15 साल तक का कठोर कारावास की सजा करवाईं है। इसी कड़ी में अतिरिक्त सेशन कोर्ट, फरीदाबाद ने दिनांक 20 दिसंबर, 2023 को नशें इंजेक्शन के आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 साल व एक लाख रुपए जुर्माना NDPS Act में व 3 साल व एक लाख रुपए जुर्माना The Drug & Cosmetics Act में किया है। मुकदमा नंबर 301/2021 के अभियुक्त को थाना मुजेसर, फरीदाबाद में प्रतिबंधित नशें के इंजेक्शन, दवाओं के साथ मौके पर पुलिस द्वारा उसकी कार से बरामद किया था। वाणिज्य मुकदमों में लगातार बेहतरीन पैरवी कर माननीय अदालत में अपना पक्ष ज़ोरदार तरीके से रखा गया ताकि आरोपी को सख्त से सख्त सज़ा दिलवाई गई। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो प्रमुख के प्रयासों से नवंबर माह अंत तक 23 मुकदमा में लाखों रुपए जुर्माना सहित 10 से 15 साल तक का कठोर कारावास की सजा दिलवा चुके हैं।