चंडीगढ़ 2 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने पंचायत प्रतिनिधियों को कई सौगातें देते हुए ऐलान किया कि अब सरपंच इ-टेंडरिंग के बगैर 21 लाख रुपए तक के विकास कार्य अपनी ग्राम पंचायतों में करवा सकेंगे। इससे पहले यह लिमिट 5 लाख रुपए थी। इसके साथ ही सरपंचों को टीए/डीए देने का भी ऐलान भी मुख्यमंत्री ने किया। अब सरपंच ग्राम पंचयतों के कार्यों के लिए अपनी गाड़ी या टैक्सी से यात्रा करने पर 16 रूपए प्रति किलोमीटर की दर से यात्रा खर्च क्लेम कर सकेंगे। इतना ही नहीं, टीए/डीए क्लेम करने के बिल का अनुमोदन भी बीडीपीओ के स्तर पर ही हो जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह आज कुरुक्षेत्र में आयोजित राज्य स्तरीय पंचायती राज एवं सरपंच सम्मेलन में प्रदेशभर से आये पंचायत प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।
ग्राम पंचायतों के समक्ष मिट्टी के भरत को लेकर आ रही समस्या पर मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा भरत (मिटटी की लागत) का प्रस्ताव पास करके भेजने पर इसका खर्च भी एस्टीमेट में शामिल किया जाएगा। इससे पहले भरत की लागत कार्य के एस्टीमेट में शामिल नहीं होती थी और भरत का काम मनरेगा से अथवा गांव द्वारा अपने खर्चे पर करवाना पड़ता था।
जेई 10 दिन में एस्टीमेट बनाकर करेगा अपलोड
जूनियर इंजीनियर द्वारा कई महीनों तक एस्टीमेट नहीं बनाने की समस्या का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सरपंच जैसे ही किसी विकास कार्य का पंचायत द्वारा पारित किया गया प्रस्ताव HEW पोर्टल पर डालेगा तो जूनियर इंजीनियर को उसके 10 दिन के भीतर एस्टीमेट बनाकर अपलोड करना होगा। इससे विकास कार्यों में और तेजी सुनिश्चित हो सकेगी।
कोर्ट केसों की पैरवी के लिए वकीलों की फीस में बढ़ाई
कोर्ट केसों की पैरवी करने के लिए वकीलों की निर्धारित फीस में बढ़ोतरी करने की घोषणा करते हुई मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने कहा कि जिला या उपमंडल स्तर पर कोर्ट केस के लिए वकील की फीस 1100 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए तथा उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय में पैरवी हेतु फीस 5500 रूपए से बढ़ाकर 33,000 रूपए की जाएगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत द्वारा गांव में स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस पर किए जाने वाले आयोजन व किसी विशिष्ट अधिकारी या मंत्री के गांव में आगमन पर किए जाने वाले कार्यक्रम के लिए पंचायत फंड से खर्च की सीमा को 3000 रुपए से बढ़ाकर 30,000 रूपए करने की घोषणा की। इसी प्रकार, राष्ट्रीय ध्वज खरीदने या राष्ट्रीय पर्व पर मिठाई बांटने, पंचायत की गतिविधियों के प्रचार करने इत्यादि पर खर्च की सीमा को 500 रुपए से बढ़कर 5000 रुपए करने का भी ऐलान किया। साथ ही गांव में होने वाले सरकारी कार्यक्रमो के मद्देनज़र सरपंच के पद को प्रोटोकॉल सूची में शामिल करने की भी घोषणा की। अब सरपंच के बैठने का स्थान डीसी व एसपी के साथ होगा।
गांवों में सफाई कर्मियों का बढ़ा मानदेय
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात सफाई कर्मचारियों के मानदेय में 1000 रुपए की बढ़ोतरी की घोषणा की।
गांव की सरकार लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर – मुख्यमंत्री
गांव की सरकार को लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रत्येक गांव का विकसित होना भी उतना ही जरूरी है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि गांव में विकास को गति देने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
पिछली सरकारों द्वारा गांव के विकास को लेकर किये गए भेदभाव का जिक्र करते हुई मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें गांव के विकास के लिए पैसा खर्च करने से बचती थी। जहां वर्ष 2014 से पहले पंचायतों के लिए राज्य वित्त आयोग का अनुदान 600 करोड़ रूपए था, वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरियाणा के लिए अनुदान की इस राशि को बढ़ाकर 2968 करोड़ रूपए किया गया है। इतना ही नहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में ग्रामीण विकास के लिए 7276.77 करोड़ आबंटित किये गए हैं जबकि पूर्व की सरकार में 2013-14 के दौरान यह राशि 1898.48 करोड़ रूपए थी।
ग्राम पंचायतों में 3000 कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त
पंचायती राज संस्थाओं को प्रदान की गई विभिन्न शक्तियों का उल्लेख करते हुए नायब सिंह ने कहा की वर्तमान सरकार पंचायती राज संस्थाओं को मज़बूत करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने के अतिरिक्त प्रदेश के पढ़ी-लिखी पंचायतों को और स्मार्ट बनाया जा रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में 3000 कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त किये गए हैं। साथ ही ग्राम पंचायतों को अपने स्वयं के फंड से जीईएम के माध्यम से एक डेस्कटॉप, प्रिंटर और यू पी एस खरीदने की अनुमति प्रदान की है ताकि पंचायत आई टी सक्षम और आधुनिक होकर केंद्र और राज्य स्तर के पोर्टल संचालित कर सकें।
उन्होंने कहा की प्रदेश सरकार ने विकास कार्यों को गति देने के लिए निर्णय लिया है कि अपंजीकृत ठेकेदार अब एक वर्ष में 50 लाख रूपए तक के काम ले पाएंगे। ये काम समय पर करवाने पर ये ठेकेदार अगले वर्ष 1 करोड़ रूपए के काम लेने के पात्र होंगे ।