चंडीगढ़, 25 सितंबर। टोक्यो ओलंपिक खेलों में काँस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाडिय़ों की संक्षिप्त जीवनियों पर आधारित पुस्तक ‘टोक्यो ओलम्पिक्स के हमारे हॉकी खिलाड़ी’ आज रिलीज़ की गई।
पंजाब ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा पंजाब के ओलम्पिक विजेता और हिस्सा लेने वाले खिलाडिय़ों के सम्मान में रखे गए समागम के दौरान एसोसिएशन के प्रधान ब्रह्म मोहिन्द्रा, सीनियर उप प्रधान राजदीप सिंह गिल, सचिव जनरल राजा केएस सिद्धू, हॉकी पंजाब के सचिव परगट सिंह और भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह समेत ओलम्पिक पदक विजेता हॉकी टीम के पंजाबी खिलाडिय़ों द्वारा यह किताब रिलीज़ की गई।
लेखक और पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन के मीडिया सलाहकार नवदीप सिंह गिल द्वारा लिखी गई यह पाँचवी पुस्तक है जो लोकगीत प्रकाशन द्वारा रंगदार तस्वीरों समेत छापी गई है।
एसोसिएशन के प्रधान ब्रह्म मोहिन्द्रा ने लेखक को बधाई देते हुए कहा कि खिलाडिय़ों की उपलब्धियों को लिखित रूप देकर रिकॉर्ड सँभालने का बढिय़ा प्रयास किया है।
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान पद्म परगट सिंह ने कहा कि खेल और खिलाडिय़ों संबंधी साहित्य लिखना बहुत अच्छी बात है।
उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों की जीवनी के बारे में लिखी गई यह पुस्तक आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।
उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल की हैं और खेलों में पंजाबियों का ख़ास योगदान है जिस वजह से दुनिया में राज्य का नाम रौशन हुआ है।
टोक्यो में भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में 41 साल बाद पदक जीते है।
इस पुस्तक में हॉकी टीम के समूह 19 खिलाडिय़ों और प्रशिक्षक ग्राहम रीड की संक्षिप्त जीवनी लिखी गई है।
इसके अलावा ओलम्पिक खेलों में भारतीय हॉकी का इतिहास और टोक्यो ओलम्पिक्स में भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन के बारे में सारी जानकारी पुस्तक में मिलती है।
पंजाब सरकार में सूचना एवं लोक संपर्क अधिकारी के तौर पर सेवाएं निभा रहे नवदीप सिंह गिल पिछले 20 साल से निरंतर खेल और खिलाडिय़ों के बारे में लिख रहे हैं।
लेखक ने इससे पहले चार पुस्तकें लिखी हैं, जिनके नाम ‘खेल जगत के पंजाबी सितारे’, ‘मैंने इस तरह देखे एशियाई खेल’, ‘ओलम्पिक खेलों का आँखों देखा हाल’ और ‘नौलक्खा बाग़’ हैं।
रिलीज़ करने वालों में भारतीय हॉकी टीम के खिलाडिय़ों में हरमनप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह, हार्दिक सिंह, दिलप्रीत सिंह, वरुन कुमार, शमशेर सिंह, गुरजंट सिंह और कृष्ण बहादुर पाठक भी शामिल थे।