चंडीगढ़, 16 जून। अब हरियाणा के राशन डिपो पर भी ब्रांडेड प्रोडक्ट मिलेंगे। इससे न केवल डिपो की सेल बढ़ेगी बल्कि गरीबों को क्वालिटी का खाद्य सामान भी मिलेगा।
इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल सिरसा, फतेहाबाद, करनाल यमुनानगर, और पंचकुला जिलों में शुरु किया गया है। ट्रायल सफल रहा तो इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
इस मामले में सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि यदि राशन डिपो पर भी ब्रांडेड प्रोडक्ट मिलेंगे तो इससे न केवल गांव में लोगों को फायदा होगा बल्कि बाजार भी मजबूत होगा।
ये पायलट प्रोजेक्ट हरियाणा सरकार के ‘आत्मनिर्भर हरियाणा’ अभियान का हिस्सा है और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने डिपो-होल्डरों के माध्यम से ब्रांडिड एफएमसीजी कंपनियों का सामान उचित दामों पर सेल करने के इस पायलट शुरूआत की। प्रोजेक्ट का पहलू यह भी है कि प्रदेश के डिपो-होल्डरों के माध्यम से गांव के लोग एसबीआई बैंक की कुछ सेवाओं का लाभ भी ले सकेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कान्फेड के तीन प्रोजेक्ट्स की शुरूआत की । इस तरह इन प्रोडक्ट्स की अब प्रदेश के गांवों तक पहुंच हो जाएगी जो कि गांव में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी सुविधा हो जाएगी
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश में एक इको-सिस्टम बनाना है, जिसमें गांव के गरीब लोगों तक राशन डिपो अथवा उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) द्वारा मल्टी नेशनल एफएमसीजी कंपनियों, सेल्फ हैल्प ग्रुप और अन्य कंपनियों द्वारा प्रमाणित आवश्यक वस्तुओं को वाजिब दर पर बिक्री करना है।
योजना जहां से राज्य में आय और रोजगार के मौके पैदा होंगे वहीं गांवों में बाजार को मजबूती मिलेगी। फिलहाल ये प्रोजेक्ट 5 जिलों में 8 सप्ताह के लिए शुरु किया गया है, जिसमें 140 एफपीएस के मालिक डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के उत्पादों को बेचेंगे।
ये भी मिलेगा फायदा
डिप्टी सीएम ने बताया कि कान्फेड, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोग से एफपीएस में ही एक ग्राहक सेवा बिंदु (सीएसपी) स्थापित करेगा। चयनित एफपीएस मालिक एसबीआई के खुदरा विक्रेता के रूप में काम कर सकेंगे। ये एफपीएस मालिक गांवों में ग्राहकों को बुनियादी बैंकिंग सेवाएं देंगे जिसके बदले में उनको कमीशन प्राप्त होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत आज ही दो जिलों सिरसा और करनाल में पायलट प्रोजेक्ट किया शुरू किया गया।
एक एप भी हुआ लॉंच
डिपो में क्या राशन है और कितनी मात्रा में मौजूद है, इसपर नजर रखने के लिए भी बड़ा कदम उठाया गया है। इसके लिए एक C-SMRT (कान्फेड-सर्विलांस, मॉनिटरिंग, रियल-टाइम) नामक एक नया ऑनलाइन मोबाइल एप्लिकेशन भी लांच किया।
यह एप निश्चित समय में सार्वजनिक वितरण से जुड़े लॉजिस्टिक्स को बनाए रखने और ट्रैक करने में मदद करेगा। इससे पीडीएस के सिस्टम में गड़बड़झाला रोकना आसान हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के दौरान कॉन्फेड हितधारकों और ग्राहकों को होने वाले लाभ की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी, अगर ये प्रोजेक्टस अनुकूल रहे तो इनको पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।
इस अवसर पर कान्फेड के एमडी आरएस ढिल्लो व उपमुख्यमंत्री के ओएसडी कमलेश मौजूद रहे वहीं वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी तथा डाबर इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, मैरिको लिमिटेड, कोका-कोला कंपनी, एल्प्रो कंज्यूमर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और एसबीआई के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।