दिल्ली, 15 अक्तूबर। पंजाब में बीएसएफ का दायरा बढ़ाने पर उठे विवाद के बीच सरकार पर विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं।
पंजाब की मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता व पंजाब मामलों के सह-प्रभारी विधायक राघव चड्ढा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बीएसएफ को दी गई अधिक शक्तियों का विरोध करते हुए केंद्र के इस कदम को राज्यों के अधिकारों पर डाका और संघीय ढांचे पर सीधा हमला करार दिया है।
चड्ढा ने केंद्र के इस तानाशाही फैसले के लिए पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जितना बराबर का जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि सीएम चन्नी ने कुछ दिन पहले ही पीएम और गृह मंत्री से बातचीत कर पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बढ़ रही हथियारों और नशा तस्करी की वारदातों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार से सख्ती किए जाने की मांग की थी।
सीएम चन्नी ने ऐसा करके स्वयं पंजाब पर पचास प्रतिशत कब्जे के लिए केंद्र सरकार को चाबी सौंप दी।
मीडिया से बातचीत करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि, `क्योंकि सीएम चन्नी ने आत्मसमर्पण करते हुए पंजाब के करीब 27,600 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र (जो पूरे पंजाब का पचास प्रतिशत से अधिक हो सकता है) का कब्जा अपने हाथों से पीएम नरेंद्र मोदी को सौंप दिया है। चन्नी ने ऐसा करके सौ प्रतिशत संघीय ढांचा भी मोदी के चरणों में अर्पित कर दिया है।”
चड्ढा ने आशंका जताते हुए कई सवाल खड़े करते हुए मुख्यमंत्री चन्नी से स्पष्टीकरण मांगा है कि वह (सीएम) पंजाब की जनता को स्पष्ट करें कि ऐसा क्यों किया गया?
राघव चड्ढा के अनुसार “लोग जानना चाहते हैं कि सीएम चन्नी की पीएम मोदी और भाजपा से क्या डील हुई है?
चन्नी को ऐसा क्या मिला कि वह पंजाब के आधे क्षेत्र पर मैच फिक्सिंग के तहत अप्रत्यक्ष राष्ट्रपति शासन लागू करवा आए। अप्रत्यक्ष ढंग से 23 में से 12 जिलों (6 प्रमुख और 6 आंशिक) का नियंत्रण भाजपा को सौंप आए। क्योंकि भाजपा जानती है कि वह कभी भी पंजाब में सरकार नहीं बना सकती, फिर क्यों न आधे पंजाब पर अप्रत्यक्ष ढंग से राज कर लिया जाए।”
राघव चड्ढा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ बीएसएफ के लिए पासपोर्ट एक्ट, एनडीपीएस कानून और कस्टम कानून के तहत तलाशी लेने, संदिगध व्यक्तियों की गिरफ्तारी करने व सामान जब्त करने और बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किमी. से बढ़ाकर 50 किमी. तक करने का फैसला वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा का नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति का मामला है। पंजाब की चन्नी सरकार इस मामले में केंद्र की भाजपा सरकार के साथ मिली हुई है।
चड्ढा ने पंजाब के अंदर बीएसएफ का दायरा 35 किलोमीटर बढ़ाने और गुजरात में 30 किलोमीटर घटाने के केंद्रीय फैसले पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि क्या गुजरात की सीमाओं के अंदर राष्ट्रीय सुरक्षा का कोई मामला नहीं है? लेकिन, क्योंकि वहां भाजपा की अपनी सरकार है, इस कारण वहां करीब 37 प्रतिशत क्षेत्र बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र से बाहर कर दिया गया है।
चड्ढा ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले इस प्रकार का एकतरफा फैसला करके पंजाब के लोगों को डराने का प्रयास है, इसका दुरूपयोग हो सकता है। किसानों की गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बदले की राजनीति को भी दरकिनार नहीं किया जा सकता।
चड्ढा ने कहा कि पंजाब गुरुओं की पावन धरती है। गुरु महाराज के आशीर्वाद की कृपा के साथ कोई भी शरारती तत्व पंजाब की सामाजिक एकजुटता, आपसी सद्भावना और अमन-प्यार को तोड़ नहीं सकेगा। क्योंकि पंजाबियों से बढक़र कोई देशभक्त नहीं है। आजादी की लड़ाई में भी सबसे बड़ा बलिदान और योगदान पंजाब के योद्धाओं का ही था। इन राष्ट्रवादियों पर बीएसएफ के जरिए केंद्र में बैठी भाजपा द्वारा अप्रत्यक्ष ढंग से राज करने के प्रयास की आम आदमी पार्टी सख्त निंदा करती है और पंजाब के लोगों को भरोसा दिलाती है कि `आप’ इसके खिलाफ हर मंच पर लड़ेगी और भाजपा के मंसूबे सफल नहीं होने देगी।”