चंडीगढ़, 28 दिसंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रुप-सी और डी पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी स्टेज 1 में) नीति, 2022 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। इस नीति को सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति(संशोधन) नियम, 2024 कहा जाएगा।
संशोधनों के अनुसार, हरियाणा के मूल (बोना-फाइड) निवासियों के लिए प्रदान किए गए सामाजिक आर्थिक मानदंडों हेतु 5 प्रतिशत वेटेज को हटा दिया गया है। उक्त संशोधन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार किए गए हैं।
राज्य सरकार के विभागों या किसी बोर्ड, निगम, वैधानिक निकाय या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली और नियंत्रित किसी अन्य एजेंसी में, राज्य अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित किसी विश्वविद्यालय के अलावा, सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति, (संशोधन) नियम, 2024 पुलिस सेवा, कारागार और गृह रक्षक आदि के पदों सहित ग्रुप सी पदों पर सीधी भर्ती के लिए लागू होगी, जिसमें (i) शिक्षण पद (ii) भूतपूर्व अग्निवीर और (iii) ग्रुप डी के पद शामिल नहीं होंगे, जिनके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 2018 (2018 का 5) के तहत मैट्रिकुलेशन से कम है।
राज्य सरकार ने आम जनता का विश्वास हासिल करने और बनाए रखने तथा हरियाणा सरकार में पदों पर विश्वसनीय और भरोसेमंद भर्तियां सुनिश्चित करने और शिक्षण पदों को छोडक़र पुलिस, जेल, होमगार्ड आदि के पदों सहित ग्रुप-सी और डी के सभी सीधी भर्ती के पदों पर सरकारी रोजगार के लिए भर्ती प्रक्रिया को मानकीकृत करने के उद्देश्य से 5 मई, 2022 को ग्रुप-सी और डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा शुरू की थी।
बैठक में हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) द्वारा आयोजित ग्रुप ए और बी पदों के लिए परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग को मंजूरी दी गई। एचपीएससी पोर्टल पर इन पदों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा।
आधार प्रमाणीकरण की शुरुआत का उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, धोखाधड़ी करने वाले उम्मीदवारों पर अंकुश लगाना और डी-डुप्लीकेशन के माध्यम से उम्मीदवारों के डेटा की सटीकता सुनिश्चित करना है। यह कदम भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में जनता का विश्वास और बढ़ेगा।
आधार प्रमाणीकरण उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने में मदद करता है, जिससे धोखाधड़ी वाले आवेदन और प्रतिरूपण की संभावना कम हो जाती है। यह आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाता है, सटीक और प्रमाणित डेटा सुनिश्चित करता है। उम्मीदवारों को पंजीकरण के दौरान अपना आधार नंबर देना होगा और भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों के दौरान बायोमेट्रिक सत्यापन (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) से गुजरना होगा। इसके अलावा, नाम, जन्म तिथि और पते जैसे जनसांख्यिकीय विवरणों को आधार डेटाबेस के साथ क्रॉस-सत्यापित किया जाएगा। यह निर्णय सुशासन (सामाजिक कल्याण, नवाचार, ज्ञान) नियम, 2020 के लिए आधार प्रमाणीकरण के नियम 5 और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के 8 मार्च, 2024 के निर्देश के तहत निर्धारित दिशानिर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करेगा।
यात्रा भत्ता नियमों में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (यात्रा भत्ता) नियम, 2016 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार, यदि प्रशिक्षण संस्थान या हरियाणा सरकार द्वारा आवास और भोजन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन प्रशिक्षु द्वारा इसका लाभ नहीं उठाया जाता तो उसे इस नियम के प्रयोजन के लिए ऐसी व्यवस्था का लाभ उठाया हुआ माना जाएगा और कोई होटल शुल्क स्वीकार्य नहीं होगा। हालांकि, यदि प्रशिक्षण संस्थान या हरियाणा सरकार आवास और भोजन की व्यवस्था नहीं करती तो प्रशिक्षु की पात्रता के अनुसार होटल शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
अब डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये निर्धारित
सरकार ने राज्य सरकार ने न्यायिक अधिकारियों व अपने कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है, इसे 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। यह वृद्धि 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी।
इन निर्णयों का उद्देश्य राज्य सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के साथ-साथ राज्य सरकार के न्यायिक अधिकारियों को बढ़ी हुई वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।