कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने स्वतंत्रता सेनानियों के घरों में जाकर उनके दृढ़ संकल्प और जज़्बे को किया सलाम
चंडीगढ़, 9 अगस्त:
भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के घर पहुँच कर उनके साथ मुलाकात करने की अपनी किस्म की पहली और समर्पित मुहिम के तहत पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी और रक्षा सेवाएं कल्याण मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने आज ज़िला पटियाला के स्वतंत्रता सेनानियों के घरों का दौरा करके इन शूरवीरों को सजदा किया।
कैबिनेट मंत्री ने अपने इस दौरे के अवसर पर ज़िला पटियाला के स्वतंत्रता सेनानी स. तारा सिंह और स. कश्मीर सिंह निवासी गाँव शंभू कलाँ, स. सेवा सिंह और स. कश्मीर सिंह निवासी गाँव सुहरों, स. चरन सिंह निवासी गाँव शाहपुर राईयां, स. हरजंत सिंह और स. गुरचरन सिंह निवासी गाँव आलमपुर, स. करनैल सिंह और स. अवतार सिंह निवासी राजपुरा के साथ मुलाकात की।
इस मौके पर उनके साथ हलका घन्नौर के विधायक श्री गुरलाल घन्नौर, विधायक राजपुरा श्रीमति नीना मित्तल, विधायक सन्नौर स. हरमीत सिंह पठानमाजरा की पत्नी श्रीमति सिमरनजीत कौर पठानमाजरा और ज़िला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे।
स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने इन स्वतंत्रता सेनानियों के दृढ़ संकल्प और जज़्बे के प्रति गहरी श्रद्धा प्रकट करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान पंजाब के लिए गर्व की बात है और इन शूरवीरों के अद्वितीय समर्पण और अतुलनीय योगदान ने पंजाबियों को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अग्रिम पंक्ति में ला खड़ा किया है।
मंत्री ने कहा कि वैसे तो किसी भी तरह का सम्मान इन शूरवीरों के बलिदानों के तुल्य नहीं, परन्तु मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार उनको सम्मानित करने के लिए तहे दिल से वचनबद्ध है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के दिशा-निर्देशों के मुताबिक वह राज्य भर के स्वतंत्रता सेनानियों के घर-घर जाकर उनसे मुलाकात कर रहे हैं।
स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों सम्बन्धी अहम फ़ैसले लिए गए हैं, जिसके अंतर्गत राज्य सरकार ने 1 अगस्त, 2023 से स्वतंत्रता सेनानियों की पैंशन 9400 रुपए से बढ़ाकर 11000 रुपए प्रति माह कर दी है।
उन्होंने कहा कि इस फ़ैसले से कुल 545 लाभार्थियों को सीधे तौर पर लाभ होगा, जिनमें ख़ुद स्वतंत्रता सेनानी, मरहूम स्वतंत्रता सेनानियों की विधवाओं या उनकी अविवाहित और बेरोजग़ार बेटियाँ या बेटे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह कदम इन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को मान्यता देने और उनके बलिदानों को सजदा करने के लिए सरकार के समर्पण का सबूत है, जिससे यह सुनिश्चित बनाया गया है कि उनकी विरासत सभी पंजाबियों के दिलों और दिमाग़ों में जीवित रहे।