चंडीगढ़, 27 अक्तूबर। TCS के साथ भर्ती संबंधी समझौता रद्द करे पंजाब सरकार।
यह मांग पंजाब में मुख्य विपक्षी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने की है।
यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आप के नेताओं ने बेरोजगारी पर सरकार को घेरा।
आप नेताओं ने कहा कि पंजाब सरकार ने बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती में पंजाबी भाषा, सभ्याचार, और पंजाब के लोगों के साथ पक्षपात किया जा रहा है।
विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने Tata Consultancy Services (TCS) पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि यह पंजाब के युवाओं के हक में नहीं है। इस लिए समझौता रद्द होना चाहिए।
चीमा ने कहा कि घर-घर नौकरी का वादा करने वाली सरकार की नीतियां गलत साबित हो रही हैं।
चीमा के अनुसार हरियाणा व अन्य ने बेरोजगारों को सरकारी व प्राइवेट नौकरियों में 70 से 80 % तक आरक्षण है।
लेकिन, पंजाब में ऐसा नहीं है। इसके चलते अन्य राज्यों के युवा पंजाब की सरकारी नौकरियां ले जाते हैं।
उन्होंने मांग उठाई कि पंजाब में भर्तियों के लिए पंजाब डोमिसाइल सर्टिफिकेट अनिवार्य होना चाहिए।
इसके अधिक नंबर दिए जाएं व अन्य राज्यों के उम्मीदवारों के लिए अधिक से अधिक 10 % तक कोटा हो।
चीमा ने कहा कि सरकार पहले तो पद ही नहीं निकालती।
अधिकांश विभागों में 60 से 70 % तक स्वीकृत पद खाली हैं।
ठेका भर्ती और आउटसोर्सिंग के जरिए रिटायर्ड लोगों को एक्सटेंशन दी जा रही है।
चीमा के अनुसार कुल मिलाकर मुख्यमंत्री चन्नी के वादे की हवा निकल गई है।
TCS से आप इस लिए है नाराज है आप
विधायक मीत हेयर ने कहा कि यूपीएससी और पीएसएसएस बोर्ड से ही सरकारी भर्तियां कराई जाएं।
उन्होंने टीसीएस के माध्यम से भर्तियों पर रोक की मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती करने में विफल रही है।
हेयर ने कहा कि कंपनी पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बडियों के कई मामले चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस की भर्तियों के ट्रायल बाहरी एजेंसियों के बजाय पंजाब पुलिस के माध्यम से ही हों।
विधायक मीत हेयर ने आरोप लगाया कि TCS भर्ती प्रक्रिया में पंजाब और पंजाबियत को महत्वता नहीं देती।
मीत हेयर ने कहा कि यह आश्वस्त किया जाए की हर एक परीक्षा एक ही शिफ्ट में ऑफलाइन तरीके से हो।
ऑनलाइन और अधिकांश शिफ्ट में ली जा रही लिखित परीक्षा पारदर्शी नहीं है।
हेयर ने सवाल उठाया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान अंतिम मेरिट में वेटिंग लिस्ट क्यों खत्म कर दी गई है ?