देश के लिए सबसे अधिक बलिदान देने वाले पंजाब के साथ केंद्र का धक्का बर्दाश्त नहीं किया जायेगा : मीत हेयर
चंडीगढ़, 20 जूनः
देश को आज़ाद करवाने से लेकर आज़ादी के बाद अंतरराष्ट्रीय सरहदों की सुरक्षा करने तक सबसे अधिक बलिदान और देश के अन्न भंडार भरने में किसानों के योगदान में पंजाब सबसे आगे रहा। परन्तु अब केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के साथ किया जाता धक्का बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। केंद्र ने ग्रामीण विकास फंड (आर. डी. एफ.) की राशि रोक कर राज्य के किसानों के खि़लाफ़ दुश्मनी निकाली जिसको सहन नहीं किया जायेगा।
यह बात पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पंजाब विधान सभा में कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां द्वारा आर. डी. एफ. की रोकी राशि को तुरंत जारी करवाने के लिए लाए प्रस्ताव का समर्थन करते हुये कही। उन्होंने मुख्य विरोधी पार्टी कांग्रेस की तरफ से किये बाइकाट की आलोचना करते हुये कहा कि अच्छा होता है अगर पंजाब के कल्याण के लिये प्रस्ताव पर सारा सदन इकट्ठा होकर केंद्र के पास अपनी माँग रखता।
मीत हेयर ने कहा कि कठिन समय पर देश को अन्न संकट में से बाहर करने वाले पंजाब के किसानों को केंद्र काले खेती कानूनों के खि़लाफ़ लड़े संघर्ष के कारण जानबुझ कर परेशान कर रहा है। आर. डी. एफ. कोई ख़ैरात नहीं बल्कि यह राज्य का हक है। केंद्र ने पंजाब की 2021-22 से लेकर 2023-24 तक के 3622.40 करोड़ रुपए रोके हैं। किसानों की मेहनत से पंजाब ने अपने कुदरती स्रोत पानी और धरती का भी नुकसान करवाया। आर. डी. एफ. से गाँवों, लिंक सड़कों और मंडियों/ खरीद केन्द्रों का विकास होता है जो सीधे तौर पर किसानों से जुड़े विकास कार्य हैं।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ केन्द्र के भेदभाव के बावजूद राज्य में 600 यूनिट मुफ़्त बिजली, सरकारी नौकरियाँ देनीं, सड़कों का बुनियादी ढांचा स्थापित करना, कच्चे मुलाज़ीम पक्के करने समेत बड़े विकास कार्य कर रहे हैं। राज्य के बेहतर प्रशासनिक प्रबंधों स्वरूप वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की तरफ से पेश किये बजट में 40 प्रतिशत कमाई में विस्तार हुआ।
मीत हेयर ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने आर. डी. एफ. पर कर्ज़ करके फंडों का दुरुपयोग किया जो किसानों के साथ सरासर धोखा है। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष में बैठी पार्टियों की भी केंद्र में सरकारें रही परन्तु कहीं भी पंजाब की सुध नहीं ली। आतंकवाद का दुःख बर्दाश्त के साथ-साथ उस दौर में मिलिट्री की तैनाती से कर्ज़ भी लिया। अन्य राज्यों को विशेष पैकेज देने से पड़ोसी राज्यों को टैक्स में रियायतें देने से पंजाब को नुकसान हुआ।