चंडीगढ़, 9 अगस्त। हरियाणा में ग्रुप- सी एवं डी के लगभग 28000 पदों की भर्ती के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा (सीईटी) 5, 6 और 7 नवंबरको आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह जानकारी हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि सीईटी परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए 5,6 और 7 नवंबर की तिथि तय की गई है।
कॉलेज में तब्दील होगा रीजनल सेंटर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव लूला अहीर में चल रहे भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर को महाविद्यालय में बदलने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान विधायक लक्ष्मण यादव द्वारा गांव लूला अहीर में चल रहे भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने के संबंध में पूछे गए प्रश्न का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि राज्य में इस समय 50 से अधिक सरकारी और निजी विश्वविद्यालय हैं। यदि विश्वविद्यालयों की संख्या अधिक बढ़ती है तो शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ता है। इसलिए जगह-जगह विश्वविद्यालय खोलने का कोई औचित्य नहीं है। विश्वविद्यालय का कार्य केवल परीक्षाएं संचालित करना, कॉलेजों को एफिलिएशन देना इत्यादि होता है।
उन्होंने कहा कि पुराने समय में विश्वविद्यालय दूर स्थित होते थे तब रीजनल सेंटर खोले जाते थे। लेकिन आज राज्य में विश्वविद्यालय ज्यादा दूरी पर नहीं है, इसलिए गांव लूला अहीर में जब भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय के रीजनल सेंटर को विश्वविद्यालय के रूप में विकसित नहीं किया जा सकता।
विजिलेंस जांच जल्द पूरी करने के निर्देश
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि फरीदाबाद नगर निगम में सडक़ निर्माण में टेंडरिंग के मामले में जारी विजिलेंस जांच को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए जाएंगे और जांच में जो अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जाएगा, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रश्न काल के दौरान फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नगर पालिका नियम, 1976 के नियम 8 में यह उल्लेखित है कि निर्माण कार्य में 10 प्रतिशत तक ही एन्हांसमेंट की जा सकती है। इससे अधिक नहीं। हालांकि, कई मामलों में 10 प्रतिशत से अधिक भी एन्हांसमेंट की गई है। इसका कारण यह है कि नियम 8 की परिभाषित व्याख्या सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि विभाग को निर्देश दिए जाएंगे कि इस व्याख्या को सही किया जाए। यदि कहीं 10 प्रतिशत से अधिक एन्हांसमेंट है तो रि-टेंडर किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से तय किया गया है कि यह सडक़ तारकोल की नहीं आरएनसी की ही बननी चाहिए। इसलिए तारकोल और आरएनसी के रेट में अंतर आया। यदि उसमें किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज खोलने पर यह बोले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार की नीति के अनुसार अस्पताल के 10 किलोमीटर की परिधि में पैरा मेडिकल कॉलेज या नर्सिंग कॉलेज खोला जा सकता है। यदि 10 किलोमीटर की परिधि में अस्पताल मौजूद नहीं है तो वहां नर्सिंग या पैरा मेडिकल कॉलेज खोलने का कोई प्रावधान नहीं है।
मनोहर लाल ने कहा कि सफीदों में 50 बेड का अस्पताल है और जो जमीन उपलब्ध करवाई गई है, वह 10 किलोमीटर के दायरे में नहीं है, बल्कि 15 किलोमीटर तक है। यदि 12 किलोमीटर तक भी जमीन उपलब्ध होती तो नियमों में कुछ ढील देकर पैरा मेडिकल कॉलेज बनाया जा सकता था। यदि 10 किलोमीटर के दायरे में जमीन उपलब्ध हो जाएगी तो पैरा मेडिकल कॉलेज खोल दिया जाएगा।