चंडीगढ़, 19 सितंबर। आखिरकार लंबे चले सियासी घटनाक्रम के बीच पंजाब को चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल गया।
चन्नी इसके बाद देर शाम राजभवन गए और सरकार बनाने का दावा पेश किया। चन्नी सोमवार सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
राज्यपाल से मिलने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से बातचीत में खुलासा किया कि कल शपथ ग्रहण केबाद पार्टी के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू व अन्य नेता मीडिया को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही मंत्रिमंडल में नए चेहरों को लेकर कयास के दौर भी तेज हो गए हैं।
सबकी निगाह इस बात पर है कि कल चन्नी के साथ-साथ मंत्रिमंडल सदस्य के तौर पर कितने नेता शपथ लेंगे।
बहरहाल, चन्नी को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी पंजाब कांग्रेस मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने ट्वीट के जरिए दी।
इससे पहले पिछले चौबीस घंटे के दौरान पंजाब की अंदरुनी सियासत में कई नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले। रविवार सुबह विधायक दल नेता चुनने के लिए रखी गई बैठक स्थगित कर दी गई थी लेकिन, सबकी निगाहें पार्टी हाईकमान तथा चंडीगढ़ के उस होटल पर टिकी रहीं जहां पार्टी की तरफ से पर्यवेक्षक ठहरे हुए थे। पर्यवेक्षकों ने पूरा दिन यहीं बैठकर विधायकों से बातचीत की।
इस दौरान निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से चुप्पी दिखाई दी लेकिन, कल अपने पद से इस्तीफा देते वक्त सोनिया गांधी को भेजी गई एक चिट्ठी सोशल मीडिया पर सुर्खियों में डूबी रही जबकि दूसरी ओर नए नेता के चयन का खेल चलता रहा।
सुबह सबसे पहले कैप्टन के खिलाफ बागी सुर अपनाने वाले सुखविंदर सिंह रंधावा का नाम तेजी से चला। दूसरी ओर एक और नाम सुनील जाखड़ का भी तेजी से उभरा तो विधायकों का रैला दोनों नेताओं के घरों की तरफ मुड़ गया। बावजूद इसके आधिकारिक घोषणा नहीं हुई तो ज्यादातर नेता व विधायक चंडीगढ़ के होटल पहुंच गए जहां पर्यवेक्षक मीटिंगों में व्यस्त थे।
अचानक पेंच उस समय फंसा दिखाई दिया जब नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर चर्चा उठी कि वे खुद सीएम पद चाहते हैं। इसी दौरान एक और नया नाम चरणजीत सिंह चन्नी का सामने आया। आखिर में चन्नी के नाम पर मुहर लगने की बात घोषित कर दी गई।
कौन हैं चरणजीत सिंह चन्नी
चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब से लगातार 3 बार विधायक बने हैं। उन्होंने 2007 में उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था। इसके बाद 2 बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया। वे सीएम अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत के कारण सुर्खियों में आए।
चन्नी एक दलित चेहरा हैं और पंजाब में पहली बार दलित को मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान होने का मौका मिला है। कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने चन्नी की आड़ में कई निशाने साधने की कोशिश की है।
वे दलित हैं तो सिख भी हैं जबकि कांग्रेस ने जट्ट सिख को प्रदेश इकाई की कमान सौंपी हुई है।