प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों के सामने विकसित भारत की संकल्पना प्रस्तुत की, यह संकल्प केवल देश की सरकार का नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों का संकल्प बने, ‘विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान’ के साथ हम सभी को जुड़ना होगा : मुख्यमंत्री
लखनऊ : 03 सितम्बर, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों के सामने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में विकसित भारत की संकल्पना प्रस्तुत की थी। वर्ष 2047 में यह देश जब अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, उस समय हमें कैसा भारत चाहिए। यह संकल्प केवल देश की सरकार का नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतवासियों का संकल्प बने, इस दृष्टि से ‘विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान’ के साथ हम सभी को जुड़ना है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन सभागार में ‘विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान’ के अन्तर्गत प्रबुद्धजन हेतु आयोजित अभिमुखीकरण कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ‘समर्थ उत्तर प्रदेश पोर्टल’ को लॉन्च किया।
मुख्यमंत्री जी ने प्रबुद्धजन का स्वागत करते हुए कहा कि हमारी मंशा है कि ‘विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान’ में उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को भागीदार बना सकें। इसके लिए सभी प्रबुद्धजन का सहयोग युवाओं को जागरूक करने तथा इस अभियान को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। आप सभी रिटायर्ड प्रबुद्धजन को लोग टायर्ड न मान लें, इसलिए भी हमने आपका सहयोग लिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है। आप सभी प्रबुद्धजन के पास जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों का व्यापक अनुभव है। व्यक्ति की जैसी मनोदशा होती है तथा जैसा उसका वातावरण होता है, उसके अनुरूप वह स्वयं को तैयार करता है। प्रख्यात वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चन्द्र बसु द्वारा वनस्पतियों पर किये गये एक प्रयोग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वनस्पतियों में भी जीवन होता है तथा हम जिस मनोदशा और वातावरण में वनस्पति को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेंगे, वह उस दिशा में आगे बढ़ती है। यही स्थिति कमोवेश देश और प्रदेश में भी हो चुकी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 16वीं-17वीं सदी तक हमारा देश भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। ग्लोबल जी०डी०पी० में भारत का योगदान 25 प्रतिशत था। 17वीं और 18वीं सदी तक आते-आते भारत का योगदान 15 प्रतिशत रह गया और चीन भारत से आगे हो गया। भारत दूसरे स्थान पर आ गया। वर्ष 1947 में जब देश आजाद हुआ, तब वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान मात्र 02 प्रतिशत रह गया। आजादी के बाद वर्ष 2014 तक के 65-70 वर्षों में भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था बन पाया था। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में वर्ष 2014 से भारत ने जो यात्रा प्रारम्भ की, आज उसका परिणाम है कि भारत दुनिया में चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। वर्ष 2027 में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। इसके बाद दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की एक नई प्रतिस्पर्धा हमारे सामने होगी। भारत से आगे अमेरिका और चीन ही हैं। इस प्रतिस्पर्धा के लिए हर भारतवासी को स्वयं को तैयार करना होगा। यह अच्छी बात है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था है। अगर यही गति रही, तो प्रगति अपने आप होगी और वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना अवश्य साकार होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 से वर्ष 1960 तक उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय जी०डी०पी० में 14 प्रतिशत योगदान था। उस समय उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। प्रदेश में सबसे उर्वरा भूमि तथा यहां की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान थी। वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश देश की 08वीं अर्थव्यवस्था हो गया। राष्ट्रीय जी०डी०पी० में इसका योगदान भी घटकर 08 प्रतिशत रह गया। इसने उत्तर प्रदेश को बीमारू बना दिया और यहां के नागरिकों के सामने पहचान का संकट खड़ा कर दिया। वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में देश में नकारात्मक धारणा थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एम०एस०एम०ई० का भी सबसे बड़ा बेस था। सर्विस सेक्टर में हमारे पास स्प्रिचुअल टूरिज्म, ईको टूरिज्म तथा हेरिटेज टूरिज्म के बेहतरीन केन्द्र थे। हमने इन्हें विस्मृत कर दिया था। पहले हमारे किसान आत्महत्या करने को मजबूर थे। यहां का एम०एस०एम०ई० सेक्टर बन्द हो गया था। इनमें कार्य करने वाले हस्तशिल्पी व कारीगर पलायन करने को मजबूर हो गये थे। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था खराब हो गयी थी। अपने गौरव और गरिमा को आगे बढ़ाने के लिए जो प्रयास होना चाहिए था, वह शिथिल हो गया था। इसका परिणाम हुआ कि हम हर क्षेत्र में पिछड़ गये। बीमार मानसिकता वालों ने उत्तर प्रदेश को ही बीमारू बना दिया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 और उसके बाद जब राज्यों का पुनर्गठन हुआ, उस समय कई राज्यों में शिक्षक उत्तर प्रदेश से गये थे। काशी सहित प्रदेश में शिक्षा के अनेक प्रसिद्ध केन्द्र थे। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय का 200 वर्षों का इतिहास है। वहां एक हजार से अधिक पाण्डुलिपियां हैं। विगत साढ़े आठ वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश में किये गये कार्यों से प्रदेश की धारणा बदली है। आज उत्तर प्रदेश बीमारू नहीं है। राष्ट्रीय जी०डी०पी० में प्रदेश का योगदान बढ़ा है। उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। आज उत्तर प्रदेश देश में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला राज्य है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 08 वर्षों में हम उत्तर प्रदेश की जी०डी०पी० को बढ़ाने में सफल हुए हैं। प्रशासनिक टीम वही है, केवल सरकार बदली है। इस टीम ने कार्य करके दिखाया है। पहले उत्तर प्रदेश की एस०जी०डी०पी० 13 लाख करोड़ रुपये की थी, इस वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश 35 लाख करोड़ रुपये की एस०जी०डी०पी० के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। हमने हर क्षेत्र में कार्य किया है। प्रदेश में यह सम्भावनाएं पहले भी थीं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2018 में प्रदेश में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना की शुरूआत की गयी थी। इसके माध्यम से हमने प्रदेश के एम०एस०एम०ई० उत्पादों की ब्रान्डिंग की। उन्हें तकनीक, मार्केट तथा डिजाइन से जोड़ने का कार्य किया। इससे हस्तशिल्पियों और कारीगरों में एक विश्वास उत्पन्न हुआ। राज्य सरकार ने इनका सहयोग किया। इसका परिणाम हुआ कि उत्तर प्रदेश का एक्सपोर्ट बढ़कर 02 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। इसमें एम०एस०एम०ई० क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान है। कोविड कालखण्ड में विभिन्न राज्यों से प्रदेश के हस्तशिल्पी और कारीगर यहां वापस आए। हमारे सामने उनकी व्यवस्था करने की चुनौती थी। हमारी टीम ने उस दौरान प्रदेश में एक करोड़ लोगों के लिए रहने-खाने की व्यवस्था की। इनमें उत्तर प्रदेश के 40 लाख हस्तशिल्पी और कारीगर थे। लगभग 30 लाख लोग बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम सहित देश के अलग-अलग भागों के थे। जब लोगों की जान को खतरा था, जब उत्तर प्रदेश का तन्त्र देश का नागरिक मानकर उनके साथ खड़ा हुआ। ऐसे लोगों ने हमारा आभार भी व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा का प्रदेश है। हमारे पास विकास के सभी संसाधन मौजूद हैं। हमें सिर्फ हर व्यक्ति के संकल्प को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। लोगों में उत्साह और उमंग भरना है। उन्होंने कहा कि वह प्रातःकाल आई०आई०टी० कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए थे। वहां एक हजार से अधिक टेक्नोक्रेट, इण्डस्ट्री लीडर्स तथा अलग-अलग क्षेत्रों में जुड़े लोग उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में ए०आई०, साइबर सिक्योरिटी तथा सस्टेनेबिलिटी के मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके उपरान्त लखनऊ में विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश तथा वोकल फॉर लोकल के मुद्दों पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें लोगों को विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान के साथ जोड़ना है। लोग उन नकारात्मक कारकों से दूर हों, जिनके कारण उत्तर प्रदेश बीमारू हुआ था। हमें विकास को लोगों के जीवन का हिस्सा बनाना है। विकास ही उनके जीवन का कायाकल्प करेगा। इसके लिए उन्हें तैयार करना होगा, जिसमें आप सभी प्रबुद्धजन का सहयोग महत्वपूर्ण है। प्रदेश विधान सभा में सस्टेनेबल डेवलपमेण्ट गोल्स पर लगातार 36 घण्टे तक चर्चा हुई थी। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, स्किल डेवलपमेण्ट सहित कॉमन मैन से जुड़े मुद्दे शामिल थे। इस बार सभी दलों ने सदन में विकसित उत्तर प्रदेश विषय पर लगातार 24 घण्टे की चर्चा में भाग लिया। यह चर्चा लगभग 27 घण्टे चली थी। जब हमारे गांव आत्मनिर्भर होंगे, तो वह विकसित होने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। हमें उन्हें रास्ता दिखाना है और इसके लिए तैयारी करनी है। इस संकल्प से हर व्यक्ति को जोड़ना है।