ज़िला और सब डिवीज़न अस्पतालों और सीएचसी में मुफ़्त दवाओं की सुविधा यकीनी बनाने के लिये मौके पर लिया जायज़ा
साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर/ चंडीगढ़, 2 फरवरीः
पंजाब के मुख्य सचिव श्री अनुराग वर्मा ने आज मोहाली के फेज़ 6 स्थित ज़िला अस्पताल का औचक दौरा किया। निरीक्षण के उपरांत मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत करते हुये उन्होंने कहा कि इस दौरे का मंतव्य मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान द्वारा सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ़्त दवाओं की जपहितैषी सुविधा मुहैया करवाने के फ़ैसले को यकीनी बनाना था।
श्री वर्मा ने सिवल अस्पताल में से बाहर आ रहे मरीजों के साथ भी बातचीत की और उनसे पूछा कि क्या उनको डाक्टरों द्वारा लिखीं सभी दवाएँ मुफ़्त दीं गई हैं। सभी मरीजों ने उनको मुफ़्त दवाएँ मिलने की पुष्टि की और सरकार के इस जन कल्याण के प्रयास की सराहना की।
श्री वर्मा ने बताया कि डाक्टरों की सलाह से स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 276 ज़रूरी दवाओं की सूची ( ई. डी. एल.) तैयार की गई है। इनमें से 90 फ़ीसद दवाओं के रेट सम्बन्धी कंट्रैक्ट किये गए हैं। बाकी बचीं दवाएँ और सरकारी डाक्टर द्वारा लिखीं दवाओं के लिए सीनियर मैडीकल अफ़सर ( एस. एम. ओ.) बाज़ार में से दवाएँ खरीद कर मरीजों को मुहैया करवाएंगे जिससे मरीजों को डाक्टर द्वारा लिखीं दवाओं की खरीद के लिए अपनी जेब में से कोई पैसा न देना पड़े। इस मंतव्य के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 25 करोड़ रुपए मंज़ूर किये गए हैं। एस. एम. ओज़ की वित्तीय शक्तियों को 25,000 रुपए से बढ़ा कर ढाई लाख रुपए कर दिया गया है जिससे वह यह दवाएँ खरीद सकें।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 23 ज़िला अस्पताल, 41 सब डिवीज़न अस्पताल और 161 कम्युनिटी हैल्थ सैंटर हैं। इन सभी अस्पतालों में उक्त प्रणाली लागू कर दी गई है। उन्होंने आगे बताया कि बीते दिन उनके निर्देशों पर राज्य के समूह डिप्टी कमिशनरों की तरफ से उक्त फ़ैसले को लागू करने को यकीनी बनाने के मद्देनज़र अपने सम्बन्धित ज़िला अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। इसके इलावा सभी डिप्टी कमिशनरों ने इस सम्बन्धी सिवल सर्जनों और एस. एम. ओज़ के साथ विस्तृत मीटिंग की।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि यदि उक्त सरकारी अस्पतालों में आने वाले किसी भी मरीज़ को सरकारी डाक्टर द्वारा लिखी दवा नहीं मिलती तो वह तुरंत सम्बन्धित एस. एम. ओ. या जिले के डिप्टी कमिश्नर के साथ संपर्क करें। इसके इलावा इस मामले की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1100 पर भी दी जा सकती है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को हिदायत की कि सरकार के इस जन कल्याण फ़ैसले को पूरी तरह लागू करना यकीनी बनाया जाये।