गणतंत्र दिवस के अवसर पर यह झाँकी ‘केंद्र सरकार द्वारा रद्द’ के नाम पर पूरे पंजाब में दिखाने का किया ऐलान
चंडीगढ़, 27 दिसंबर:
गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्य की झाँकी रद्द करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सत्ता के नशे में अहंकारी केंद्र सरकार, स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों द्वारा दिए गए बेमिसाल बलिदान का अनादर कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह पहली दफ़ा नहीं है, बल्कि पिछले साल भी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ऐसी शरारत की थी और इस साल भी झाँकी रद्द कर वही हरकत दोहराई है। केंद्र सरकार पंजाब के ज़ख्मों पर नमक छिडक़ रही है।”
यहाँ पंजाब भवन में आज पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर दुनिया भर से श्रद्धालु फतेहगढ़ साहिब पहुंच कर छोटे साहिबज़ादे बाबा ज़ोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी जी की शहादत के समक्ष नतमस्तक हो रहे हैं, दूसरी ओर इन पवित्र दिनों में भाजपा सरकार पंजाब का अनादर करने के लिए ऐसे भद्दे हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि शहादतें और बलिदान राज्य की महान विरासत का हिस्सा हैं, जिनको राज्य की झांकी में बखूबी दिखाया जाना था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन देश-भक्ति के विचारों वाली झांकी को रद्द कर केंद्र सरकार ने महान देश-भक्तों और राष्ट्रीय नायकों के बलिदान का अपमान किया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य के साथ सौतेली माँ वाला यह सुलूक कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह कितनी बदकिस्मती वाली बात है कि यह फ़ैसला उन दिनों के दौरान किया गया, जब समूची दुनिया छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी द्वारा दिए गए बेमिसाल बलिदान के आगे सिर झुका रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अत्याचारी मोदी सरकार यह बात भूल गई है कि पंजाबियों ने देश की सरहदों की रक्षा के साथ-साथ आज़ादी हासिल करने और इसको बरकरार रखने के लिए बेमिसाल बलिदान दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की इस झांकी से गणतंत्र दिवस परेड, जिसमें इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल होंगे, का गौरव बढऩा था। उन्होंने कहा कि इस परेड में हरेक राज्य अपनी विरासत को दिखाता है, परन्तु मोदी सरकार ने पिछले दो सालों में जान-बूझ कर पंजाब को इससे बाहर रखा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस साल भी झांकी के लिए चुने गए राज्यों में से 90 प्रतिशत से अधिक भाजपा के शासन वाले राज्य हैं, जिससे झलकता है कि मोदी सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का राजनीतीकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल भी पंजाब सरकार ने तीन विषय ‘पंजाब-शहीदों और बलिदानों की गाथा’, ‘ नारी शक्ति’ (माई भागो-पहली महान सिख जंगजू बीबी) और ‘पंजाब का समृद्ध सभ्याचार की पेशकारी’ विषयों को झांकी के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि मंज़ूरी के लिए यह विषय समय पर केंद्र सरकार के पास भेज दिए थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन विषयों को रद्द कर राज्य के योगदान को नजऱअन्दाज़ किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्यवश केंद्र सरकार राज्य और देश निर्माण में इसके बेमिसाल योगदान का मज़ाक उड़ा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार को याद करवाया कि अगर अंडमान और निकोबार को अपनी झाँकी पेश करनी पड़ती तो पंजाब उसमें भी होता, क्योंकि भारत की आज़ादी का संघर्ष पंजाब और पंजाबियों के योगदान से भरा हुआ है, जिसको कभी भी नजऱअन्दाज़ नहीं किया जा सकता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की बहुत बड़ी साजिश है जिससे देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए पंजाब के बलिदानों को छुपाया जा सके।
भाजपा के चापलूसों पर हमले करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोग इतने दिनों देश भर में चल रही मोदी की झांकी का गुणगान करने लगे हुए हैं परन्तु वह शहीदों की झांकी के विचार के खि़लाफ़ हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम से एक बार फिर भाजपा का पंजाब विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ है। उन्होंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह, सुनील जाखड़, आर.पी. सिंह, मनजिन्दर सिरसा समेत सभी भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वह अब बताएं कि केंद्र की उनकी सरकार पंजाब के साथ क्यों इतनी बड़ी बेइन्साफ़ी कर रही है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि मोदी सरकार पंजाब विरोधी मानसिकता रखती है, जिस कारण वह राज्य को बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए सरकार का बस चले तो वह राष्ट्रीय गान में से भी पंजाब का नाम हटा देंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हैरानी की बात है कि इस सौतेली माँ वाले सुलूक के बावजूद राज्य के भाजपा नेता इस पूरे मामले पर चुप हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आम आदमी की भलाई के लिए लिए गए सभी लोक हितैषी फ़ैसलों को केंद्र सरकार हज़म नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आम आदमी क्लीनिकों के लिए फंड रोके हुए हैं, और केंद्र सरकार द्वारा 5500 करोड़ रुपए के ग्रामीण विकास फंड भी रोक दिए गए हैं, जिससे राज्य सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ें बनाने से रोका जा सके। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा आगामी भुगतान किए जाने के बावजूद राज्य को रेल-गाड़ीयाँ न देकर केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को रोक दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी, पटना साहिब, नांदेड़ साहिब, अजमेर शरीफ और अन्य स्थानों को जाने वाली रेलों को केंद्र सरकार ने जान-बूझ कर रोका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र की इस कार्यवाही का एकमात्र मकसद लोगों को धार्मिक स्थानों पर माथा टेकने से वंचित रखना है, और केंद्र सरकार के इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि चाहे प्रधानमंत्री रोज़ाना डबल इंजन वाली सरकार की शेखी मार रहे हैं, परन्तु रेलवे इस लोक हितैषी योजना के लिए रेल-गाड़ीयाँ चलाने के लिए कोई इंजन न होने का हवाला दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे डबल इंजन वाली सरकार का क्या फ़ायदा अगर लोगों की भलाई के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ लोगों को ही नहीं मिलता। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह राज्य की झाँकी को शामिल न करने का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष ज़ोरदार ढंग से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र द्वारा गणतंत्र दिवस की परेड में यह झांकी शामिल नहीं की जाती तो भी राज्य सरकार द्वारा 26 जनवरी को राज्य भर में होने वाले सभी समागमों में इसको ‘केंद्र सरकार द्वारा रद्द’ के बैनर अधीन शामिल किया जायेगा और राज्य की समृद्ध विरासत को लोगों के सामने पेश किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रमुख होने के नाते वह केंद्र सरकार द्वारा दी गई चुनौती को स्वीकार करते हैं क्योंकि भगवा पार्टी ऐसी चालों से देश के अन्नदाता और देश की सरहदों की रक्षा करने वाले पंजाब का अनादर नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है क्योंकि इससे हर पंजाबी के आत्माभिमान पर सीधी चोट मारी गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहले ही ठोस प्रयास कर रही है, जिससे उनको किसी भी मामले में केंद्र से मदद न लेनी पड़े।