फतेहगढ़ साहिब, 23 दिसंबर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को कहा कि माता गुजरी जी और छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की ओर से दिया गया बेमिसाल बलिदान आने वाली पीढ़ियों को ज़ुल्म और अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करेगी।
यहां गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में माथा टेकने आए मुख्यमंत्री ने छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी के महान बलिदान को सजदा करते हुए कहा कि ये कुर्बानियां विश्व भर के मानवता के इतिहास में बेमिसाल हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि समूचा पंजाब इस महीने को ‘शोक के महीने’ के रूप में मनाता है क्योंकि इन दिनों के दौरान ज़ालिम हाकमों द्वारा छोटे साहिबजादों को जिंदा ही नींव में चिनवा दिया गया था। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को इस महान और बेमिसाल बलिदान पर गर्व है, जो पंजाबियों, हमारे देशवासियों के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में बसे हर एक व्यक्ति के लिए सम्मान की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र की एक-एक इंच जमीन अति पवित्र है, जिस कारण लोग बड़ी संख्या में इस पवित्र स्थान पर माथा टेकने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि पुराने समय से ही दसवें सिख गुरु साहिबान की माता और साहिबजादों की महान कुर्बानी को याद करने के लिए हर साल शहीदी जोड़ मेला मनाया जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि छोटे साहिबजादों को दुनिया के इतिहास में अतुलनीय बलिदान के लिए समूचा विश्व श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि साहिबजादों को बहादुरी और निस्वार्थ सेवा के गुण दशमेश पिता से विरासत में मिले हैं, जिन्होंने मानवता की खातिर अनथक लड़ाई लड़ी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब का इतिहास अनगिनत कुर्बानियों से भरा पड़ा है, जो हमारे महान गुरु साहिबान श्री गुरु अर्जन देव जी, श्री गुरु तेग बहादुर जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से प्रेरित है, जिन्होंने देश खातिर अपनी जानें वार दीं। उन्होंने नौजवान पीढ़ी को देश के लिए निस्वार्थ कुर्बानियों के लिए प्रेरित करने के लिए इस महान बलिदान से अवगत कराने की जरूरत पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी याद किया कि लोक सभा सदस्य के रूप में कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा तत्कालीन लोक सभा स्पीकर के पास पैरवी करने पर सदन ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों को उनके शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने कहा कि सिखों के दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने छोटी उम्र में ही शहादत प्राप्त की और उन्होंने सरहिंद के मुगल सूबेदार की ताकत का डटकर मुकाबला करने के लिए अतुलनीय बहादुरी और निडरता का सबूत दिया।
मान ने कहा कि वह खुश हैं कि उन्हें राज्य और यहां के लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी क्योंकि राज्य सरकार महान सिख गुरुओं और शहीदों के नक्शे-कदम पर चलकर समाज के हर वर्ग की खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है।