18 जनवरी को 500 और नौजवानों को नियुक्ति पत्र बाँटे जाएंगे
चंडीगढ़, 9 जनवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज राज्य के नौजवानों को नए वर्ष का तोहफ़ा देते हुए पंजाब राज्य सहकारी बैंक में नए भर्ती हुए 520 क्लर्कों-कम-डेटा एंट्री ऑपरेटरों को नियुक्ति पत्र सौंपे।
यहाँ टैगोर थियेटर में नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद नौजवानों के मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का यह नियुक्ति पत्र वितरण समारोह उनकी सरकार का पहला समारोह नहीं है क्योंकि राज्य सरकार अब तक ऐसे कई समारोह करके 40,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र बाँट चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब की पुरातन शान बहाल करके फिर ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए संजीदा प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के लगभग हरेक दूसरे गाँव को महान गुरू साहिबान की चरण स्पर्श प्राप्त है और पंजाब की धरती ने बहादुर पुत्र पैदा किए हैं, जिन्होंने अपने मुल्क की ख़ातिर अपना जीवन कुर्बान कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी पैदायशी उद्यमी होते हैं और इनमें नेतृत्व करने के गुण होते हैं और इसी कारण दुनिया भर में पंजाबियों ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। उन्होंने कहा कि पंजाबियों की सख़्त मेहनत का कोई सानी नहीं, जिस कारण आज पंजाबी हरेक क्षेत्र में नाम कमा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबियों के इस जज़्बे का लाभ राज्य की तरक्की और ख़ुशहाली के लिए भी उठाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहादुर और समर्पित भावना वाले पंजाबियों ने देश को ब्रिटिश हुकूमत की ग़ुलामी से मुक्त करवाने के लिए बेमिसाल बलिदान दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में रिकॉर्ड है कि जिन देश-भक्तों ने अपनी जानें कुर्बान कीं या किसी न किसी रूप में अंग्रेज़ों के ज़ुल्म का शिकार हुए, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक पंजाबी थे। भगवंत सिंह मान ने ज़ोर देकर कहा कि आज भी पंजाब, देश की सरहदों की रक्षा करने और देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सबसे आगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के प्रमुख होने के नाते उनका हर कदम राज्य की तरक्की और लोगों की खुशहाली को सुनिश्चित बनाने को समर्पित होता है। उन्होंने कहा कि बदकिस्मति से उनसे पहले मुख्यमंत्रियों को कभी भी राज्य की चिंता नहीं होती थी, बल्कि उनको अपने निजी हितों का फिक्र अधिक होता था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हरेक मुद्दे को लेकर राज्य द्वारा नकार दिए गए राजनीतिक नेता उनकी रोज निंदा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने एक निजी कंपनी जी.वी.के. पावर की मल्कीयत वाला गोइन्दवाल पावर प्लांट 1080 करोड़ रुपए की लागत के साथ खरीद कर इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि अब पहली बार उल्टा रुझान शुरू हुआ है कि सरकार ने कोई प्राईवेट पावर प्लांट खरीदा है, जबकि पहले राज्य सरकारें सरकारी जायदादें पसंदीदा व्यक्तियों को ‘कौड़ी’ के भाव बेचती थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पछवाड़ा कोयला खदान से निकलने वाले कोयले का प्रयोग सरकारी पावर प्लांटों के लिए ही किया जा सकता है, जिस कारण इस पावर प्लांट की खरीद से इस कोयले का प्रयोग राज्य के हरेक सैक्टर के लिए बिजली पैदा करने के लिए किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब अस्पतालों और स्कूलों में मुकम्मल तौर पर बदलाव देखने को मिल रहा है और आम आदमी की भलाई के लिए नए मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसले उन लोगों द्वारा ही लिए जा रहे हैं जो ज़मीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं से अवगत हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि रिवायती राजनीतिक पार्टियों ने राज्य को बर्बाद कर दिया है और अब वह निर्लज होकर नैतिकता की बातें कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के स्वरूप पंजाब में बड़ी औद्योगिक क्रांति देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीनों के दौरान टाटा स्टील और अन्य बड़ी कंपनियों ने राज्य में निवेश करने के लिए तैयारियाँ की हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब को अग्रणी राज्य और ‘रंगला पंजाब’ बनाने की ओर उठाया गया यह महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के ठोस यत्नों के स्वरूप देश में निवेश के लिए पंजाब सबसे पसन्दीदा स्थान बनकर उभरा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान पंजाब में अब तक 55,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ है, जिससे नौजवानों के लिए रोजग़ार के 2.95 लाख अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आने वाले दिनों में और अधिक निवेश होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ पिछले 75 सालों में नौजवान सरकारी नौकरी के लिए एक अवसरों को तरसते थे, अब उनको एक साल में तीन-तीन नौकरियाँ भी मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने कभी भी राज्य की भलाई या इसकी तरक्की की परवाह नहीं की, परन्तु मौजूदा सरकार इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछले 25 सालों में पंजाब पर केवल दो राजनीतिज्ञों ने राज किया है और अपने निजी हितों के लिए राज्य के साधनों का शोषण किया।
गुर्बानी की तुक ‘पवन गुरू पानी पिता, माता धरत महत’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महान गुरू साहिबान ने हवा (पवन) को गुरू, पानी (पानी) को पिता और ज़मीन (धरती) को माता का दर्जा दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें राज्य के वातावरण को बचाने का संकल्प लेकर राज्य की पुरातन शान बहाल करने के लिए पवित्र गुर्बानी की शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। परन्तु इसके लिए नौजवानों को अहम भूमिका निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने नौजवानों को अपनी उपलब्धि पर घमंड न करने की अपील करते हुए कहा कि उनको और अधिक सफलता हासिल करने के लिए विनम्र रहने के साथ-साथ सख़्त मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्म- विश्वास और सकारात्मक सोच हरेक शख्सियत के मूल गुण होते हैं, परन्तु इसको लेकर अहंकार नहीं करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह गुण ही हरेक क्षेत्र में सफलता के पैमाने होते हैं और इनको सही मायनों में लागू किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों का सरकारी नौकरियों का सफऱ जारी रहेगा और 18 जनवरी को 590 और नौजवानों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य नौजवानों को सामाजिक और आर्थिक तरक्की में बराबर हिस्सेदार बनाना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार नौजवानों समेत समाज के हरेक वर्ग की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने नए भर्ती हुए नौजवानों को अपने पद का प्रयोग लोक कल्याण के लिए करने का न्योता देते हुए कहा कि काम के सिलसिले में आने वाले लोगों को परेशान करने की बजाय इन्साफ दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों की भलाई के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, और इसके लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
राज्य की झाँकी के बारे में भाजपा के राज्याध्यक्ष द्वारा टिप्पणी पर तंज़ कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुनील जाखड़ जैसे गुमराह करने वाले नेता राज्य की तरक्की के रास्ते का रोड़ा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने हमारे राज्य की दो पीढिय़ों को बर्बाद कर दिया है, जिस कारण यह नेता बीते साल एक नवंबर को बहस में नहीं पहुँचे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के बुद्धिमान लोगों ने इन नेताओं को राजनीतिक गलियारों से एक तरफ़ करके गुमनामी की ओर धकेल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवायती राजनीतिक पार्टियाँ उसे ईष्र्या रखती हैं क्योंकि वह साधारण परिवार से सम्बन्धित हैं और लोगों की भलाई सुनिश्चित बनाने के लिए अथक मेहनत कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह नेता हमेशा से यही मानते थे कि राज्य में शासन करने का उनके पास जन्म-सिद्ध अधिकार है, जिस कारण उनको यह बात हज़म नहीं हो रही कि एक आम आदमी बहुत कार्यकुशलता से राज्य को चला रहा है। उन्होंने कहा कि यह नेता लम्बे समय तक लोगों को बेवकूफ़ बनाते रहे परन्तु अब लोग इनके गुमराह करने वाले प्रचार में नहीं आएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिन बीत गए हैं, जब राज्य का प्रमुख अपने महलों के बड़े-बड़े कमरों में कैद रहता था, इसके उलट अब राज्य का प्रमुख हमेशा लोगों के बीच रहता है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार द्वारा लोगों के साथ किया गया हरेक वायदा जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब मुख्यमंत्री से सम्पर्क करना बहुत आसान है, जिस कारण लोगों की भलाई के लिए राज्य का हरेक मुद्दा जल्द हल हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की झाँकी को रद्द कर शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरू, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा, माई भागो, गदरी बाबों जैसे महान शहीदों का निरादर किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गणतंत्र दिवस परेड में इन नायकों की झाँकी को शामिल न कर शहीदों के योगदान और बलिदान को घटाने की कोशिश कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह महान देश-भक्तों और राष्ट्रीय नायकों का बड़ा निरादर है। उन्होंने कहा कि शहीदों को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से देश-भक्ति का सर्टिफिकेट लेने की ज़रूरत नहीं है।
इससे पहले मुख्यमंत्री के विशेष मुख्य सचिव और वित्त कमिश्नर सहकारिता वी.के. सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और नए भर्ती किए गए क्लर्कों को आम आदमी की भलाई के लिए अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सहकारी बैंक की अथाह क्षमता है, जिसके लिए नए भर्ती हुए क्लर्क अहम भूमिका निभा सकते हैं। वी.के. सिंह ने कहा कि पंजाब के नौजवान राज्य के सहकारी क्षेत्र को मज़बूत करने में बहुत सहायक सिद्ध हो सकते हैं।