चंडीगढ़, 19 अगस्त। हरियाणा की मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने विधानसभा के मानसून सत्र के लिए अपनी strategy तैयार कर ली है।
यह जानकारी विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद दी।
उन्होंने बताया कि विधानसभा में सरकार से हर उस मुद्दे पर सवाल पूछे जाएंगे।
हुड्डा ने कहा कि जनता सरकार से कई मुद्दों पर जवाब चाहती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश चुनौतियों से घिर गया है।
कांग्रेस ने यह बनाई strategy
हुड्डा ने बताया कि पार्टी सुर्खियों में छाए हुए पेपर लीक व भर्ती घोटाले पर स्थगन प्रस्ताव लाएगी।
strategy के अनुसार जबकि किसानों पर राजद्रोह के फर्जी मुकदमों का मुद्दा भी उठाया जाएगा।
जलभराव से फसलों को हुए नुकसान भी एक मुद्दा रहेगा।
ट्यूबवेल कनेक्शन देने में हो रही देरी, महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी स्थगन व काम रोको प्रस्ताव दिए गए हैं।
हुड्डा ने कहा कि सरकार ने कोरोना व ऑक्सीजन की कमी से मौतों के आंकड़े छिपाए हैं।
इससे साफ है कि सरकार जमीनी सच्चाई को नहीं देखना चाहती।
उन्होंने कहा कि आज बेरोजगारी, अपराध और महंगाई अपने चरम पर है।
पूरे देश के मुकाबले हरियाणा 4 गुणा ज्यादा (28.1%) बेरोजगारी दर के साथ टॉप पर है।
रोजगार और सरकारी भर्तियों के नाम पर घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है।
हुड्डा ने कहा कि पहली क्लास से लेकर मेडिकल स्टूडेंट तक सरकार की गलत नीतियों का दंश झेलने को मजबूर हैं।
पहली से 8वीं कक्षा तक बच्चों को अब तक पढ़ने के लिए किताबें नहीं मिल पाई हैं।
मेडिकल कोर्सेज की फीस में बढ़ोतरी कर दी गई है।
इससे इन कोर्से में दाखिला लेना नामुमकिन हो गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते आज प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है।
हुड्डा ने अपने कार्यकाल के काम गिनाए
हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान गरीब परिवारों को भोजन का अधिकार दिया गया था।
उसके तहत ऐसे परिवारों को अनाज, दाल, चीनी, नमक और तेल मुहैया करवाया जाता था।
लेकिन, बीजेपी-जेजेपी सरकार के लिए फ्री राशन की यह योजना सिर्फ विज्ञापन और इवेंट बाजी का माध्यम बन गई है।
मौजूदा सरकार ने गरीबों को दाल, सरसों तेल, चीनी और नमक देना बंद कर दिया।
उन्हें जो अनाज दिया जा रहा है, वो एकदम घटिया क्वालिटी का है।
गोहाना से सामने आई तस्वीरों से स्पष्ट है कि सरकार गरीबों और उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रही है।
गरीब परिवारों को ऐसा दिया जा रहा है जिसे जानवर भी नहीं खा सकते।
ऐसा लगता है सरकार ने सारा जोर सिर्फ थैले पर फोटो छपवाने में लगाया है, न कि राशन की गुणवत्ता पर।