चंडीगढ़, 31 जुलाई। आम आदमी पार्टी (पंजाब) ने कृषि विरोधी कानूनों के मुद्दे पर सत्तारूढ़ कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं।पार्टी की प्रदेश इकाई के किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक कुलतार सिंह संधवा ने कांग्रेसी सरकार पर इस मुद्दे पर राजनैतिक पैंतरेबाजी से बाज आने की नसीहत देते हुए अपील की है कि कांग्रेसी नेता कृषि विरोधी काले कानूनों के बारे में गुमराह करने वाले मार्ग न जाए और अन्नदाता के हक में सीधा-स्पष्ट स्टैंड लें, क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार की मोदी सरकार के साथ सांठ-गांठ और केंद्रीय कृषि कानूनों में संशोधन के नाम पर पंजाब विधानसभा में ड्रामेबाजी ने किसान आंदोलन को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
संधवां ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा कृषि संबंधी केंद्रीय काले कानूनों में पंजाब विधानसभा के द्वारा संशोधन करने के बारे में उठाए सवाल ने आम आदमी पार्टी की उस बात पर मोहर लगा दी है कि कैप्टन ने मोदी के इशारे पर विधान सभा में नाटक करके किसानों और पंजाब को गुमराह किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने कृषि कानूनों के बारे में शुरू से ही दोगली नीति अपनाई हुई है। पहले कैप्टन ने विधानसभा में केंद्रीय कानूनों में संशोधन करने का नाटक करके लोगों को गुमराह किया और अब नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से कृषि कानूनों को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर केंद्रीय कृषि कानून रद्द करने के बारे में जुमला छोड़ कर लोगों को एक बार फिर से गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।
संधवां ने कहा कि यदि राज्यों की विधान सभाओं में केंद्रीय कानूनों को रद्द करने की ताकत होती तो देश के किसानों को मोदी सरकार के विरुद्ध दिल्ली की सीमाओं पर पक्का मोर्चा लगाने की जरूरत न पड़ती और वह चंडीगढ़ समेत अपने अपने राज्यों की राजधानियों में धरने लगा कर यह काम प्रदेश सरकारों से ही करवा चुके होते।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकारें कृषि कानूनों के विरुद्ध विधानसभा में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार के साथ असहमति और किसानों को समर्थन का संदेश ही दे सकतीं हैं, परंतु केंद्रीय कानूनों को शुरू से रद्द नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा विधानसभा में कृषि कानूनों के विरूद्ध प्रस्ताव पारित करके किसान समर्थक होने का सबूत दिया है।