चंडीगढ़,13 अगस्त। ठेका कर्मियों के पे-रोल पर करने और छंटनी किए कर्मियों को वापस ड्यूटी पर लेने की मांग को लेकर स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी 5 सितंबर को health minister के अंबाला कैंट स्थित आवास पर प्रदर्शन करेंगे।
यह निर्णय स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन ने महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के साथ आयोजित बैठक के बाद लिया।
बैठक में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने हटाए गए कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लेने, समय पर वेतन देने, ईएसआई कार्ड देने, ईपीएफ का हिसाब-किताब व सिक्योरिटी गार्ड समेत सभी ठेका कर्मचारियों को विभाग के पे-रोल पर लेने की मांगों पर चर्चा हुई।
यूनियन ने health minister के 24 मई के आदेशों को विभाग द्वारा अभी तक लागू न करने पर नाराजगी प्रकट की गई जिस कारण जिला कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, जींद, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद, पलवल, हिसार, अम्बाला, सिरसा व भिवानी में नqकरी से हटाए गए कर्मचारियों को वापिस ड्यूटी पर लेने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चला हुआ है।
संघ के प्रदेश महासचिव सतीश सेठी व ऑडिटर राजबीर बेरवाल ने बताया कि प्रदेश के 12 जिलो में 500 से ज्यादा कोरोना योद्धा ठेका कर्मचारी बिना किसी कारण के नोकरी से हटा रखे है।
ठेकेदारो व अफसरशाही की मिलीभगत के कारण मंत्री के आदेशों के साथ ही श्रम कानूनों व सरकार की हिदायतों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिला कुरुक्षेत्र व झज्झर में 2 महिला कर्मचारियो को प्रसूति अवकाश का लाभ देने की बजाए नौकरी से ही हटा दिया गया है। मुख्य सचिव के स्पष्ट आदेश है कि आउटसोर्सिंग पॉलिसी-1 में ठेका सफाई कर्मचारी को नौकरी से न हटाया जाए। परंतु 50 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है। सिक्योरिटी गार्ड को एक तरफ 31 दिसंबर तक सेवा विस्तार दिया गया है दूसरी ओर बिना किसी शिकायत के जींद व यमुनानगर जिले में 15 गार्ड की नौकरी छीन ली गई है। ठेकेदार वर्दी देने की बजाए कर्मियों से 2 हज़ार रुपए ले रहे है और न देने पर भिवानी जिला से 16 कर्मचारियो को नोकरी से हटाया गया है।
सेठी ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के सरंक्षण में लूट-खसूट में लगा ठेकेदार व अफसरशाही का गठजोड़ यह भी भूल गया कि गत वर्ष जिन फ्रंट लाइन वर्कर को वह कोरोना योद्धा बताकर सम्मानित कर रहा था उन्ही फ्रंट लाइन वर्कर में 3 ठेका कर्मचारी जिन्होंने जनता की सेवा करते हुए संक्रमण से अपनी जान गवाई उनके परिवारों को 50 लाख रुपये की मदद का एलान करने वाली सरकार ने आज तक एक पैसे की आर्थिक मदद नही की है। इंसानियत को शर्मनाक करते हुए जींद के एक कर्मचारी को तो संक्रमित होने के कारण नोकरी से ही हटा दिया गया है। हिसार में बनाए गए स्पेशल संजीवनी कोविड हस्पताल के 35 कर्मचारियो से 3 महीने काम लेने के बाद बिना वेतन दिए नोकरी से जबरी बाहर कर दिया गया है। संक्रमित हुए ठेका कर्मचारियों के क्वारंटाइन पीरियड की वेतन में से कटौती तक की गई है।
उन्होंने कहा कि यूनियन मई से स्वास्थ्य मंत्री, महानिदेशक व जिलो में सिविल सर्जन से लगातार अपील कर रही है। परन्तु कोरे आश्वासनों के इलावा कुछ नही मिल रहा है। ठेकेदारो की दिन-प्रति दिन तानाशाही बढ़ती जा रही है। वित्त वर्ष 2021-22 के 5 महीने बीतने को हे आज तक ईएसआई कार्ड कर्मचारियो को नही मिले जिस कारण कर्मचारियो को इलाज की सुविधा नही मिल रही है। इस कारण कम वेतन वाले कर्मियों को इलाज पर काफी खर्च करना पड़ रहा है। हर मास 7 तारीख को वेतन का भुगतान केवल कागजो तक सीमित है। अप्रैल 21 मास का भी अभी तक सभी कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। ईपीएफ का कोई हिसाब-किताब नहीं है। यदि कोई कर्मचारी अपना हक मांगता है तो उसे ट्रांसफर कर दिया जाता है या उसकी पोस्ट बदल दी जाती है। बैठक में महानिदेशक ने फिर से भरोसा दिलवाया है कि पुराने हटाए गए सभी कर्मचारियों को वापिस ड्यूटी पर लिया जाएगा और सभी समस्याओं का जल्द समाधान होगा। इस बारे प्रदेश में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जो सभी का पक्ष सुनकर फैसला करेगी।
इस पर स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन की राज्य सांगठनिक कमेटी ने कहा कि जब तक सभी कर्मचारियो व सिक्योरटी गार्ड को विभाग के पे-रोल पर लेकर पक्का नही किया जाता तब तक उनका शोषण खत्म नही होगा। इसलिए आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए 5 सितंबर को स्वास्थ्य मंत्री के अम्बाला केंट निवास पर प्रदर्शन करने के नोटिस की प्रति महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं को सौंपी गई।
प्रतिनिधिमंडल में उक्त के इलावा प्रमोद कुमार, मंगत राम, सुमित्रा, सुमित ऋषि, रमा, अंकुर सोढ़ी, अमित रंगा, पूजा चौधरी, पारस, राकेश कुमार, शशि बाला, निशा शर्मा, सुभाष , भीम सोनी, नरेश कुमार,सतीश कुमार, सुभाष, संजय, धीरज व सर्व कर्मचारी संघ जिला पंचकूला के वरिष्ठ उप प्रधान रणधीर राघव, संगठन सचिव श्रवण जांगड़ा व स्वास्थ्य विभाग तालमेल कमेटी जींद के कन्वीनर बलबीर सिंह मुख्य रूप से शामिल थे।