चंडीगढ़, 7 दिसंबर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आज हरियाणा के पंचकूला जिले से देशव्यापी 100 दिवसीय सघन टी.बी. उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में लागू किया जाएगा।
पंचकूला में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि 100 दिन के इस टीबी सघन अभियान के तहत देशभर में टीबी से अत्याधिक प्रभावित 347 जिलों पर गहनता से फोकस किया जाएगा और टीबी की जांच की जाएगी, ताकि टीबी को फैलने से रोका जा सके। कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कैबिनेट मंत्री अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय प्रगति के लिए हरियाणा सरकार की सराहना करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि हरियाणा में लगातार चिकित्सा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है। वर्ष 2014 में हरियाणा में जहां 6 मेडिकल कॉलेज होते थे, उनकी संख्या बढ़कर आज 15 हो गई है। हरियाणा सरकार का हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का संकल्प है। एमबीबीएस की सीटें जो वर्ष 2014 में 650 होती थी, उनकी संख्या बढ़कर आज 2185 हो गई हैं। वहीं, पीजी सीटों की संख्या भी 243 से बढ़कर 889 हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में केवल 6 एम्स थे, जबकि आज 22 एम्स हैं। हरियाणा के रेवाड़ी में भी एम्स स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत 1 करोड़ 22 लाख आयुष्मान कार्ड बनाये गए हैं और अस्पतालों में 18 लाख 50 हजार एडमिशन आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए हैं। हरियाणा सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब लोगों को मुफ्त इलाज देने की सुविधाओं पर 2700 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है, जो सराहनीय है।
नड्डा ने कहा कि 70 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा प्रदान कर रही है। यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने हरियाणा सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इस पहल के तहत हरियाणा ने 70,000 वया वंदना कार्ड बनाए हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने नवजात शिशु और मातृत्व सुरक्षा के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। नवजात शिशु चैकअप दर 63 प्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत हो गई है और संस्थागत जन्म दर 80 प्रतिशत से बढ़कर 94 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसके अलावा, संपूर्ण टीकाकरण कवरेज की दर भी 79 प्रतिशत से बढ़कर 92 प्रतिशत हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति से पहले भारत को टीबी मुक्त करने का विजन रखा है। इसी विजन के तहत एक नई ऊर्जा व गति के साथ आज इस अभियान को शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में टीबी की दर में आज बहुत कमी आई है, वर्ष 2015 में गिरावट दर 8.3 प्रतिशत थी, जो आज 17.7 प्रतिशत हो गई है, जो वैश्विक औसत से कई अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत में टीबी दर की कमी की सराहना की है। वहीं, पिछले 10 सालों में टीबी से होने वाली मृत्यु में भी 21.4 प्रतिशत की कमी आई है।
नड्डा ने कहा कि टीबी सेवाओं को रोगी-अनुकूल और विकेंद्रीकृत बनाने के लिए कई नई नीतियां अपनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि आज टीबी का पता समय से पहले ही चल जाता है, जिसका श्रेय देश भर में 1.7 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2014 में 120 प्रयोगशालाओं के मुकाबले इनकी संख्या को बढ़ाकर आज 8,293 तक करके क्लिनिकल सेवाओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है।