चंडीगढ़, 31 अगस्त। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय, मांग अनुसार और आवश्कताओं पर आधारित कौशल प्रशिक्षण के विभिन्न कोर्स बनाए जाएं।
राज्यपाल आज श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस मौके पर हरियाणा के कौशल विकास एवं परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा व हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन भी मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र को संगठित क्षेत्र बनाने की दिशा में प्राथमिकता के आधार पर कार्य करें।
दत्तात्रेय ने कहा कि ऐसे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएं जो युवाओं को आईटीआई से आईआईटी की ओर ले जाने वाले हों और उनकी प्रमोशन स्किल को बढ़ाएं तथा उनका विस्तार उद्योग लाइन तक हो।
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम अल्पावधि के भी बनाए जा सकते हैं, जिसमें दो तिहाई प्रैक्टिकल होना अनिवार्य हो।
उन्होंने कहा कि जर्मनी, आस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया जैसे देशो के साथ एम.ओ.यू साइन किए जाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा विदेशों में भी शिक्षा ग्रहण कर सकें।
राज्यपाल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर सरकार को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत ही सराहनीय कार्य है जिसकी हरियाणा ने देश भर में पहल की है।
उन्होंने कहा कि मांग अनुसार प्रशिक्षण को शार्टलिस्ट करके उन्हें अभियान के रूप में चलाएं। लघु एवं सूक्ष्म उद्योग के रूप में प्रदेश के 140 खंड़ों में कलस्टर बनाना भी महत्वपूर्ण कार्य है।
उन्होंने कहा कि इन कलस्टरों को खंड़ स्तर पर किसी विभाग के साथ लिंक करें और नियमित रूप से कैरियर कांउसलिंग भी चलाएं। इसके लिए जिला स्तर पर रोजगार परामर्श केन्द्र स्थापित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में बहुत क्षमता है और स्वरोजगार के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए लोकल मार्केट अनुसार प्लम्बर, डेरी, हथकरघा जैसे कृषि आधारित प्रशिक्षण पर जोर दिया जाए।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में जो उद्यम स्थापित करने के लिए आगे आ रहे हैं उनका उद्योग स्थापित करने में पूरा सहयोग करें। वित्तीय समावेश में ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ हाॅस्पिटेलिटी को शामिल किया जाए। इस क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़ कर भाग ले सकती हैं इसलिए स्वयं सहायता समूहों की भी सहायता ली जाए तथा इनके लिए माकेर्टिंग की सुविधा बढ़़ाई जाए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर रोजगार मेले लगाए जाएं और इनमें अधिक से अधिक उद्यमियों को जोड़कर ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिलवाया जाए।
बैठक को संबोधित करते हुए कौशल विकास एवं ओद्यौगिक विकास मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि सरकार का ध्येय है कि प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी क्षेत्र में सक्षम और स्वावलंबी बने। इसके लिए प्राइवेट सैक्टर में भी ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण कृषि से जुड़ा हुआ व्यवसाय है। इसमें युवाओं व किसानों के लिए अपार संभावनाएं हैं। इसलिए इस क्षेत्र में उनकी क्षमता अनुसार कार्य को प्राथमिकता दी जाए।