देहरादून, 21 सितंबर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ का विमोचन किया। अनिल रतूड़ी ने यह पुस्तक एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने संस्मरण एवं अनुभव के आधार पर लिखी है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अनिल रतूड़ी द्वारा इस पुस्तक के माध्यम से एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने सेवाकाल के संस्मरणो, अनुभवों और चुनौतियों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता दोनों में एक समान रहना स्थितप्रज्ञ है। यह पुस्तक सेवा में आ रहे लोगों को निर्णय लेने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें एहसास होता है कि धरा पर कोई हमारा साथ देने वाला नहीं, तब हम धरातल से ऊपर उठकर सीधे प्रभु से संबंध वाली स्थिति में आते हैं, यह भी स्थितप्रज्ञ है। ऐसा प्रभु की कृपा से ही संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के पास शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी चुनौती होती है। हर चुनौती का सामना करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ संयम का होना भी जरूरी होता है। यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें अनेक उतार-चढ़ाव और चुनौतियां आती हैं, इसमें विपरीत परिस्थितयों में नैतिकता और धैर्य बनाये रखना जरूरी है। आज पुलिस के पास आधुनिक तकनीक है। पहले सीमित संसाधन होते हुए भी पुलिस को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था।
‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ पुस्तक के लेखक श्री अनिल रतूड़ी ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने पुलिस अधिकारी के रूप में साढ़े तीन दशक के अनुभव के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण संस्मरणों, अनुभवों और चुनौतियों का वर्णन करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि शांति और कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस को जो शक्तियां दी गई हैं, मानव कल्याण के लिए उनका सदुपयोग करना आवश्यक है।