दिल्ली। कोरोना महामारी के समय जब पूरा देश लॉकडाउन में था उस समय इंडियन डायरेक्ट सेलिंग लगातार विकास की ओर जा रही है। इंडियन डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री ने लोगों को घर से काम करने की अवधारणा के साथ, आय के अतिरिक्त स्रोतों का पता लगाने में सक्षम बनाया।
आईडीएसए हर साल डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ को लेकर एक रिपोर्ट जारी करता है। इस साल की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य और नूट्रिशन प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग के कारण, भारत में प्रत्यक्ष बिक्री 2020-21 की पहली छमाही में 4.7 प्रतिशत बढ़कर 7,518 करोड़ रुपये की कुल बिक्री तक पहुँच गई है।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए, भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग वित्त वर्ष 2018-19 के 13,080 करोड़ रुपये के मुकाबले 28.26 प्रतिशत बढ़कर 16,776.2 करोड़ रुपये हो गया है।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) के अनुसार इस अवधि के दौरान, 53.18 लाख लोग रोजाना औसतन 29,064 नए डायरेक्ट सेलर्स शामिल हुए। साथ ही कहा कि भारत में सकल प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार का लगभग 55 प्रतिशत हेल्थ श्रेणी से आता है और इसकी मांग में वृद्धि देखी गई है।
डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के जाने माने नाम और अल्टोस इंटरप्राइजेज लिमिटेड के डायरेक्टर अभिषेक गुप्ता ने कहा कि डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ के परिणाम उम्मीद से बेहतर हैं। इस तरह की रिपोर्ट से डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री और उससे जुड़े डायरेक्ट सेलर्स में एक नई ऊर्जा का सर्जन होगा।
बता दें की इस महीने की शुरुआत में सरकार डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए रेगुलेशन का एक ड्राफ्ट लेकर आई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021 तैयार किया है और 21 जुलाई तक जनता की राय मांगी है।