चुनाव प्रचार गतिविधियों के लिए ऑनलाइन दी जा रही अनुमति
चंडीगढ़, 8 अप्रैल – हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग अग्रवाल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के युग में भारत निर्वाचन आयोग भी लगातार हाईटैक हो रहा है।इस बार के लोकसभा आम चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग ने कईं मोबाइल ऐप व पोर्टल लॉन्च किए हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया से संबंधित गतिविधियों के क्रियान्वयन में आयोग के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों व उम्मीदवारों को सुविधा हो रही है।
इसी कड़ी में आयोग द्वारा लॉन्च किए गए सुविधा पोर्टल (https://suvidha.eci.gov.in) के माध्यम से चुनाव प्रचार गतिविधियों के लिए ऑनलाइन अनुमति दी जा रही है। अभी तक हरियाणा में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों व उम्मीदवारों की ओर से 207 अनुरोध प्राप्त हो चुके हैं।
श्री अनुराग अग्रवाल ने कहा कि सुविधा पोर्टल एक तकनीकी समाधान है, जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कायम रखते हुए सभी को समान अवसर सुनिश्चित करता है।इस सुविधा पोर्टल के माध्यम से चुनाव अवधि के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से अनुमति और सुविधाओं के अनुरोध प्राप्त करने तथा उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव अभियान अवधि के दौरान जब पार्टियां और उम्मीदवार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए गतिविधियों में व्यस्त होते हैं, तो उस दौरान यह सुविधा पोर्टल पहले आओ-पहले पाओ के सिद्धांत पर पारदर्शी रूप से विविध श्रेणी के तहत अनुमति अनुरोधों पर कार्रवाई करता है।इस पोर्टल पर रैलियों के आयोजन, अस्थायी पार्टी कार्यालय खोलने, घर-घर जाकर प्रचार करने, वीडियो वैन, हेलीकॉप्टर, वाहन परमिट प्राप्त करने व पर्चे बांटने सहित विभिन्न गतिविधियों की अनुमति प्राप्त की जा सकती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सुविधा पोर्टल के माध्यम से राजनीतिक दल और उम्मीदवार कहीं से भी, किसी भी समय ऑनलाइन अनुमति अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, सभी हितधारकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ऑफ़लाइन सबमिशन विकल्प भी उपलब्ध है।पोर्टल में एक ऐप भी है जो आवेदकों को वास्तविक समय में अपने अनुरोधों की स्थिति को ट्रैक करने में सक्षम बनाता है, जिससे प्रक्रिया में और अधिक सुविधा और पारदर्शिता आती है। इसके अलावा, पोर्टल पर उपलब्ध अनुमति डेटा चुनाव व्यय की जांच करने के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करता है, जो चुनावी प्रक्रिया में अधिक जवाबदेही और अखंडता में योगदान देता है।