नई दिल्ली, 3 अगस्त। केंद्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद के मौजूदा सत्र में पारित कराए जाने के विरोध में बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों ने जंतर-मंतर पर चार दिवसीय सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर मंगलवार को उत्तरी भारत के 9 प्रान्तों के बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों ने सत्याग्रह कर प्रदर्शन किया।
इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने केंद्र सरकार को दो टूक चेतावनी दी कि अगर सबसे बड़े स्टेकहोल्डर्स बिजली कर्मचारियों, इंजीनियरों, उपभोक्ताओं और 12 राज्यों के विरोध के बावजूद कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए निजीकरण के इस बिल को पारित किया तो 27 लाख बिजली कर्मचारी एवं इंजीनियर 10 अगस्त को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने पर मजबूर होंगे।
सत्याग्रह के पहले दिन हरियाणा, उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश,पंजाब, राजस्थान, चंडीगढ़ व दिल्ली के सैकड़ों बिजली कर्मियों ने हिस्सा लिया।
उक्त नेताओं ने बताया कि 4 अगस्त को पूर्व व पूर्वोत्तर भारत, 5 अगस्त को पश्चिम भारत और 6 अगस्त को दक्षिण भारत के विभिन्न प्रांतों के बिजली कर्मचारी,जूनियर इंजीनियर व अभियंता जंतर मंतर पर सत्याग्रह कर इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लेने की मांग करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यदि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 पारित कराने हेतु कोई एक तरफा कार्यवाही करती है और 10 अगस्त के पहले यह बिल संसद में रखा जाता है तो बिजली कर्मी उसी दिन राष्ट्रव्यापी हड़ताल / कार्य बहिष्कार करेंगे।
उन्होंने मांग की कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को जल्दबाजी में संसद से पारित कराने की बजाय इसे बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए । बिजली क्षेत्र के सबसे प्रमुख स्टेकहोल्डर बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों को स्टैंडिंग कमेटी के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत करने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।