चंडीगढ़, 28 सितंबर। सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट के लिए 30 अक्तूबर को उपचुनाव होगा। इस घोषणा के साथ ही जिले में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
मतगणना दो नवंबर को होगी और उसी दिन परिणाम घोषित किया जाएगा।
उपचुनाव की घोषणा होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है जो आठ अक्टूबर तक जारी रहेगी। ग्यारह अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी तथा 13 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
चुनाव प्रक्रिया पांच नवम्बर तक सम्पन्न हो जाएगी।
उपचुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा।
इधर, इस घोषणा के साथ ही हरियाणा में भी सियासत तेज होने जा रही है। यह सीट अभय चौटाला द्वारा इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी।
दूसरी ओर इनेलो नेता अभय चौलाला ने कहा कि उपचुनाव किसी पार्टी का नहीं बल्कि इस बात का होगा कि मतदाता तीन काले कृषि कानूनों की हिमायत करते हैं या उनका विरोध
उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा गठबंधन और कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी।
अभय चौटाला ने गुरुग्राम दौरे पर कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव तो बंगाल समेत पांच राज्यों के चुनावों के साथ होना चाहिए था। उस समय हरियाणा के हालात उपचुनाव के अनुकूल थे। अब लोक सभा की तीनों सीटों की वजह से सरकार को यह उपचुनाव करवाना पड़ रहा है।
अभय चौटाला ने कहा कि चुनाव आयुक्त द्वारा जब हरियाणा सरकार से पूछा गया था कि उपचुनाव हो सकता है या नहीं तब हरियाणा सरकार ने कहा था कि प्रदेश में कोरोना का प्रकोप है इसलिए हालात ऐसे नहीं हैं कि चुनाव करवाए जा सकें। वहीं उसी समय हाई कोर्ट में पंचायत चुनावों का जब मुद्दा लंबित था जिसमें हरियाणा की भाजपा सरकार ने कहा कि हालात सामान्य हैं और पंचायत के चुनाव करवाए जा सकते हैं इसलिए उन्हें चुनाव कराने की इजाजत दी जाए। इस तरह भाजपा का दोगलापन लोगों के सामने आया।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि ऐलनाबाद उपचुनाव में भाजपा गठबंधन और कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी और उन्हें लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि ऐलनाबाद हलका सारा ग्रामीण क्षेत्र है और यहां के ज्यादातर लोग खेती पर निर्भर हैं जो पहले दिन से ही केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए तीनों काले कानूनों के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि उनके इस्तीफा देने से आंदोलन पर असर पड़ा और हालात ऐसे पैदा हो गए थे कि भाजपा और जजपा के विधायक जो ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं उन पर दबाव बनना शुरू हो गया था। उस समय कांगेस के विधायक भी अगर उनके साथ इस्तीफा दे देते तो आज उपचुनाव नहीं मध्यावति चुनाव होते। क्योंकि 31-32 विधायक एक साथ इस्तीफा देते तो भाजपा और जजपा के विधायक भी भारी दबाव में आते और उन्हे भी साथ में इस्तीफा देना पड़ता और भाजपा गठबंधन की सरकार गिर जाती।
भाजपा गठबंधन सरकार को बचाने वाला और आक्सीजन देने वाला भूपेंद्र हुड्डा है जिसने विधान सभा में अविश्वास प्रस्ताव लाकर भाजपा गठबंधन को छह महीने के लिए संजीवनी दे दी इससे उन सत्ताधारियों का डर दूर हो गया और जो दबाव बना था वो हट गया।
उपचुनाव के बाद प्रदेश के हालात फिर से बदलेंगे, भाजपा गठबंधन सरकार में भगदड़ मचेगी और सरकार गिरने के कगार पर आ जाएगी। उन्होंने सम्मान दिवस रैली में चौधरी देवी लाल को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आए लाखों लोगों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने रैली में पहुंच कर एक संदेश भी दिया कि जिन लोगों ने इनेलो को खत्म करने का षड्यंत्र रचा था वो मिट्टी में मिल जाएंगे और इनेलो फिर से शिखर पर जाकर खड़ी होगी।