चंडीगढ़, 3 जून। हरियाणा का employees एक बार फिर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया है।
स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन व सर्वकर्मचारी संघ (हरियाणा) के संयुक्त आह्वान पर 4 जून को नौकरी से निकाले गए स्वास्थ्य ठेका employees की बहाली की मांग को लेकर सभी सिविल सर्जन कार्यलयों व महानिदेशक के पंचकूला कार्यलय पर प्रदर्शन किए जाएंगे।
प्रदर्शनों का स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी तालमेल कमेटी, आशा वर्कर्स यूनियन व मजदूर संगठन सीआईटीयू ने भी समर्थन करने का ऐलान किया है।
यह जानकारी सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान सुभाष लाम्बा, महासचिव सतीश सेठी व स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी तालमेल कमेटी के कन्वीनर राजबीर बेरवाल ने देते हुए बताया कि एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य employees को बेहतर सेवा के लिए सैल्यूट करते हैं और दूसरी तरफ उन्हें कोरोना योद्धाओं के नौकर से बर्खास्त करने पर एक शब्द तक नहीं बोलते।
कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर है,उस समय स्वास्थ्य कर्मियों को नौकरी से निकालना अपराध है। जिसको लेकर स्वास्थ्य ठेका employees में भारी आक्रोश है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदारों व सिविल सर्जन की मिलीभगत से अब तक जिला यमुनानगर से 90, झज्झर से 62, कुरुक्षेत्र 61, रोहतक 30, पलवल 17, हिसार 15, सिरसा 11, भिवानी 5 व कैथल से 2 कर्मचारियों को हटाया जा चुका है।
इसके साथ ही पीजीआई रोहतक से 30 व हसन खान मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज नल्हड़ मेवात से 119 ठेका स्टाफ नर्सिज को नौकरी से बर्खास्त किया हुआ है।
इसके अलावा ग्रीन फील्ड मेडिकल कॉलेज छायंसा (जो अब सरकार ने टेक ओवर करके अटल बिहारी वाजपेई राजकीय मेडिकल कॉलेज बनाया है) से निकाले गए करीब 200 कर्मचारियों को अभी तक एडजस्ट नही किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस छंटनी के विरोध में यमुनानगर में 28 दिनों व कुरुक्षेत्र में पिछले 10 दिनों से धरना चला हुआ है।
इसी प्रकार अन्य जिलों में भी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि महानिदेशक ने बीते 13 मई को बाकायदा सभी सिविल सर्जन को जहां पहले लिखित आदेश जारी कर कहा था कि किसी पुराने कर्मचारी को न हटाया जाए और यदि ठेकेदारों द्वारा किसी जिला में कर्मचारी को हटाया गया है उन्हें वापिस नौकरी पर लिया जाए।
परंतु अचानक 15 दिन बाद महानिदेशक ने अपने आदेशों को वापिस लेकर ठेकेदारों को छंटनी व शोषण करने का अधिकार दे दिया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने ठेकेदारों को कर्मचारियों के आर्थिक व मानसिक शोषण की खुली छूट दे दी है
जिसके चलते ठेकेदार सभी श्रम कानूनों को ताक पर रखकर कोरोना योद्धा स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को हर दिन नोकरी से बाहर कर रहे है।
लाम्बा व सेठी ने कहा कि महानिदेशक के अपने आदेश वापस लेते ही ठेकेदारों ने कर्मचारियों को दूर-दराज ट्रांसफर कर तंग करना शुरू कर दिया है।
इन उत्पीड़न की कार्यवाहियों के विरोध में व हटाए गए कर्मचारियों को वापिस ड्यूटी पर लेने की मांग को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए 4 जून को जहां प्रदेश के 18 जिलों में सिविल सर्जनों के दफ्तरों पर प्रदर्शन करेगा
शेष 4 जिले पंचकूला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व अम्बाला महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के दफ्तर पर प्रदर्शन कर स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ एकजुटता प्रकट करेंगे।
एसकेएस ने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक हटाए गए सभी कर्मचारियों को वापिस ड्यूटी पर नही लिया जाता, आंदोलन आगे बढ़ता जाएगा।