चंडीगढ़,8 जुलाई। महंगाई भत्ते व पुरानी पेंशन की बहाली न होने और ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करने आदि demands की अनदेखी से नाराज़ राज्य कर्मचारी एवं पेंशनर 15 जुलाई को सड़कों पर उतरेंगे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर नाराज़ कर्मचारी 15 जुलाई को सभी जिला एवं ब्लाक स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।
इन प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्तों एवं उप मंडल अधिकारी (ना.) को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्पलाइज फेडरेशन ने 15 जुलाई को राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस का आयोजन करने का ऐलान किया है।
जिसके तहत हरियाणा सहित देश भर में सभी राज्यों में प्रदर्शन किए जाएंगे।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी,2020 से 18 महीने के लिए रोके गए महंगाई भत्ते (डीए) की बहाली न होने से कर्मचारियों व पेंशनरों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि डीए बहाल न होने के कारण हर महीने प्रति कर्मचारी को 6 से 10 हजार रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पेंशनरों को करीब साढ़े तीन हजार से पांच हजार रुपए नुक्सान हो रहा है।उन्होंने बताया कि 30 जून को रिटायर हुए हजारों कर्मियों को ढाई से तीन लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना के नाम पर डीए बंद करके कर्मियों व पेंशनरों के करीब ढाई सौ करोड़ रुपए हड़प चुकी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार एक तरफ कर्मचारियों, मजदूरों व किसानों पर आर्थिक हमले कर रही है और दूसरी तरफ आपदा को अवसर में बदलकर सेवा क्षेत्र सहित बिजली, बैंक, बीमा, ट्रांसपोर्ट, कोयला खदानों, बंदरगाह, एयरपोर्ट, रेलवे,तेल कंपनियां व ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को निजी हाथों में सौंप रही है।
पूंजीपतियों के हकों श्रम कानूनों को खत्म कर चार लेबर कोड्स बना कर लागू करने शुरू कर दिए गए हैं। जिसके कारण कर्मचारी हड़ताल जैसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में हजारों की तादाद में पंचायती ट्यूबवेल ऑपरेटर को पिछले 16 महीने से वेतन नहीं मिला है।
हरियाणा टूरिज्म व आईसीडीएस सुपरवाइजर, सीडीपीओ व डीपीओ को तीन से चार महीने से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने इसकी घोर निन्दा करते हुए शीघ्र अतिशीघ्र बकाया वेतन का भुगतान करने की मांग की।
demands के लिए कमर कसी
लांबा ने बताया कि 15 जुलाई के प्रदर्शनों को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों से सीधा संवाद करने के लिए जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है।
केंद्रीय कमेटी के पदाधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीमें सभी विभागों में गेट मीटिंग व रूम मीटिंग कर रही है और हैंड बिल वितरित किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जन संपर्क अभियान में डीए बहाली की मांग के अलावा पुरानी पेंशन बहाल करने, बहाली तक केंद्र सरकार की तरफ सरकार के शेयर को 10 से बढ़कर 14 प्रतिशत करने, ठेका प्रथा समाप्त कर कच्चे कर्मियों को पक्का करके, पक्का होने तक समान काम समान वेतन देने, स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने, सार्वजनिक सेवा क्षेत्र के तेजी से किए जा रहे निजीकरण पर रोक लगाने, सभी को फ्री में शीघ्र वैक्सीन लगाने, रिक्त पदों को पक्की भर्ती से भरने, नौकरी से बर्खास्त 1983 पीटीआई,1518 खेल कोटे से ग्रुप डी के कर्मियों, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों, केडीबी कुरुक्षेत्र के 65 सफाई कर्मचारियों व नगर निगम गुरुग्राम व घरौंडा नगर पालिका कर्मियों को वापस ड्यूटी पर लेने, ऑनलाइन ट्रांसफर पालिसी की समीक्षा करने, असंवैधानिक तीनों कृषि कानूनों, लेबर कोड्स व बिजली संशोधन बिल 2021 को वापस लेने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया जा रहा है।