पंजाब के प्राईवेट थर्मल प्लांटों द्वारा पछवाड़ा कोयला खान से कोयले का प्रयोग करने की भी माँगी इजाज़त
नई दिल्ली/चंडीगढ़, 06 नवंबर:
पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने केंद्र सरकार से पंजाब के लिए वायबल गैप फंडिंग (वी.जी.एफ) की माँग की है, जिससे धान की पराली का प्रयोग करके बिजली पैदा करने वाले बायोमास पावर प्लांटों को प्रोत्साहित किया जा सके, राज्य में किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को रोका जा सके।
आज नई दिल्ली में ‘बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों’ की कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेते हुए पंजाब के बिजली मंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण पत्रों के लिए नवीकरणीय खरीद जि़म्मेदारी (आर.पी.ओ.) की पालना की लागत से रिवायती बिजली की कुल लागत बायोमास पावर के टैरिफ की अपेक्षा बहुत कम है, जोकि लगभग 8 रुपए प्रति किलोवॉट है। उन्होंने कहा कि बायोमास पावर प्लांटों से बिजली की खरीद को बिजली वितरण कंपनियाँ ( डिस्कोम) के लिए उपयुक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा पंजाब को वी.जी.एफ. मुहैया करवाने की ज़रूरत है।
बिजली मंत्री ने पंजाब के प्राईवेट थर्मल प्लांटों द्वारा पछवाड़ा कोयला खान से कोयले का प्रयोग करने की इजाज़त भी माँगी। उन्होंने कहा कि यह मंज़ूरी दी जानी चाहिए, क्योंकि पछवाड़ा कोयला खान से प्राप्त होने वाले कोयले का सारा खर्चा राज्य के उपभोक्ताओं को वहन करना पड़ रहा है।
राज्य के किसानों से सम्बन्धित एक अन्य मुद्दा उठाते हुए हरभजन सिंह ई.टी.ओ ने कहा कि सिंचाई वाले सोलर पंप पर 30 प्रतिशत सब्सिडी की व्यवस्था केवल 7.5 हॉर्स पावर (एच.पी.) वाले पंपों के लिए है, जबकि पंजाब में 15 एच.पी. और इससे अधिक वाले पंप सिंचाई के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को इस नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 15 एचपी या इससे अधिक के सिंचाई वाले सोलर पंपों को भी मौजूदा सब्सिडी के दायरे में लाया जाना चाहिए।