शिमला, 29 सितंबर। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने प्रदेश के लोगों से नशे के विरूद्ध अभियान में सक्रियता से भाग लेने और इसमें योगदान देने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यह आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।
राज्यपाल पीटरहाॅॅफ में सम्मान और सलाम फाउंडेशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया।
उन्होंने कोविड महामारी के इस कठिन दौर में भी समर्पण भाव व कत्र्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करने वाले अधिकारियों को भी सम्मानित किया।
राज्यपाल ने कहा कि यदि हमें नशे के स्रोत के बारे में पता है तो हमें इसके विरूद्ध आवाज उठानी चाहिए।
उन्होंने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी भावी पीढ़ी नशीलें पदार्थों का शिकार हो रही है। उन्हें इस बुराई से बचाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है और यहां के लोगों में आतिथ्य सत्कार और सम्मान की भावना सबसे अधिक है।
उन्होंने कहा कि समाज में अच्छे उदाहरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, जिसके लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि आज वीर नारियों को सम्मानित करके हिमाचल के वीर सपूतों के सर्वोच्च बलिदान को सम्मान प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह वास्तव में हर्ष का विषय है कि गैर-सरकारी संगठन भी हिमाचल प्रदेश के वीरों के सर्वोच्च बलिदान को सम्मानित करने में गर्व महसूस करते हैं।
राज्यपाल ने वास्तविक नायकों को सम्मानित करने के लिए सम्मान और सलाम फाउंडेशन के पदाधिकारियों को उनकी निःस्वार्थ पहल के लिए बधाई दी।
इससे पूर्व फाउंडेशन के हिमाचल चैप्टर के अध्यक्ष मनोज ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया।
फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक कुमार झा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
सम्मान और सलाम फाउडेशन के मुख्य संरक्षक एसके शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद थे।