रोहतक, 25 जून। रोहतक के स्थानीय हिंदू कॉलेज के प्रांगण में हरियाणा सरकार के द्वारा आपातकाल के दौरान जेल में गए सेनानियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा थे। कार्यक्रम का आयोजन जिला भारतीय जनता पार्टी और लोकतंत्र सेनानी संघ के सौजन्य से आयोजित किया गया।
इस मौके पर मुख्य वक्ता रामविलास शर्मा ने कहा कि आपातकाल का समय आज भी जब कभी याद आता है तो रोंगटे खड़े कर देता है। आपातकाल के दौरान जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या की गई और देश के वरिष्ठ राजनीतिक धार्मिक और सामाजिक नेताओं को जेल की कालकोठरी में बंद कर दिया गया।
जेल के अंदर अनेक तरह की यात्राओं का या तनाव का हवाला देते हुए उन्होंने आपबीती कई घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वह एक ऐसा समय था जब जेल में जाने वाला व्यक्ति या सत्याग्रही या राजनेता जिसे यह नहीं मालूम था कि वह जेल में जाने के बाद वापस अपने घर भी आएगा या नहीं। एक ऐसा माहौल पूरे देश के अंदर बनाया गया जिससे न केवल दहशत और भय का वातावरण बना हुआ था, जिसके चलते कोई भी व्यक्ति, समाचार पत्र, रेडियो और टेलीविजन पर सरकार द्वारा सेंसर से पास होने पर ही उसे प्रसारित किया जाता था।
उन्होंने बताया कि सरकार लोकसभा और विधानसभाओं की जगह 1 जनपत से संजय गांधी द्वारा चलाई जाती थी। उन्होंने कहा कि मुझे तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने गया बिहार जेल में ये कह कर भेज की गया तो समझो गया लेकिन, 1977 में जब जेल से रिहा होकर पहली जनसभा बंसीलाल के गांव गोलागड में चन्द्रावती की जीत के बाद हुई और उसमें मैंने कहा कि वो गया में पूरी कांग्रेसः का पिंडदान करने गया था। ज्ञात रहे कि 1977 में इंदिरा गांधी समेत पूरी कांग्रेस का सफाया हो गया था।
इस अवसर पर आपातकाल में जेल में जाने वाले लोगों के परिवार वालो को सम्मानित किया गया। जिसमें सर्वगीय लक्ष्मी चन्द गुप्ता के पुत्र विजय गुप्ता, परमानन्द तुली की पुत्रवधू, महामंडलेश्वर .डॉ परमानन्द, सुभाष आहूजा, सतीश कत्याल, मंगलसेन, मदन हरजाई, भाटिया कलानोर सहित अनेक साथियों को सम्मानित किया।इस अवसर पर अजय बंसल, रविन्द्र डाका, मदन प्रोफेसर, राम अवतार बाल्मीकि, राज शर्मा, राजबाला, मेयर मनमोहन गोयल, डॉ दिनेश ग्लोहत, राजू सहगल, राधे श्याम, जोजी, सुरेश कराड, सहित अनेक गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।