पुलिस और किसानों का टकराव दुखद – दुष्यंत चौटाला
चंडीगढ़, 29 अगस्त। शनिवार को करनाल में हुए लाठीचार्ज को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि वे स्वयं इससे दुखी है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक लोग हरियाणा के किसानों को कमजोर करना चाहते हैं। ऐसी ताकतें चाहती है कि हरियाणा की कृषि अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाए और किसान हाशिये पर चला जाए। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि किसानों को गुमराह करने वालों को मंसूबे किसी भी कीमत पर कामयाब नहीं होने चाहिए और यह बात प्रदेश के किसानों को भी समझनी होगी। डिप्टी सीएम रविवार को यहां एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के चुनावी एजेंडे के तहत कांग्रेस किसानों को ढाल बनाकर आंदोलन चला रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने खुद कहा था कि “किसान आंदोलन हरियाणा में चला गया यह अच्छी बात है”। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इससे प्रदेश के किसानों को समझना चाहिए कि हरियाणा में किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता फैलाने के पीछे कांग्रेस की मंशा क्या है।
डिप्टी सीएम ने ये भी सवाल किया कि कल के घटनाक्रम के बाद किसानों के समर्थन में यूपी-पंजाब में क्यों जाम नहीं लगाया गया। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 40 किसान नेता अधिकतर पंजाब, यूपी से जुड़ी किसान यूनियनों से हैंं, लेकिन केवल हरियाणा को ही व्यवस्था बिगाड़ने का केंद्र क्यों बनाया जा रहा है, किसान नेता इस पर जवाब दें। डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले 9 माह से एक एजेंडे के तहत किसानों को बैठा रखा है और अब व्यवस्था खराब की जा रही है।
दुष्यंत चौटाला ने दोहराया कि हरियाणा में ना कोई मंडी बंद होगी, ना एमएसपी पर कोई आंच आएगी और ना ही किसी किसान की जमीन पर कब्जा होगा, अगर पंजाब में ऐसा हो रहा है तो इसको लेकर पंजाब सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस के नये अध्यक्ष नवजोत सिद्धू हरियाणा की कृषि नीतियों की प्रशंसा करते है। सिद्धू द्वारा गन्ने रेट को लेकर हरियाणा की प्रशंसा की गई तब जाकर पंजाब के सीएम को झुककर अपने राज्य में गन्ने के दाम बढ़ाने का निर्णय लेना पड़ता। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ये दर्शाता है कि पंजाब में कृषि नीति फेल है और इसके चलते कुछ चुनिंदा नेता हरियाणा की जनभावना को खराब करने में जुटे हुए है।
डिप्टी सीएम ने हैरानी जताते हुए कहा कि कल की घटना के बाद ऐसे कांग्रेसी नेता भी एक्टिव हो गए है, जो कि विधानसभा चुनाव के बाद कभी प्रदेश की जनता को दिखे ही नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक लोग आंदोलन में जाकर आग लगाकर वापस आराम से अपने घर बैठ जाते है। दुष्यंत चौटाला ने पूछा कि 9 महीने में कौन से कांग्रेसी नेता ने किसानों के साथ टैंटों में दिन गुजारे। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता केवल फोटो खिंचवाने और दो-तीन महीनों में एक बयान देने तक सीमित हैं।
दुष्यंत चौटाला ने किसान नेताओं से सवाल किया कि किसी के दुख-सुख, निजी कार्यक्रमों का विरोध क्यूं हो रहा है, क्यूं डिप्टी स्पीकर और विधायकों की गाड़ियों में तोड़फोड़ की जा रही है और आखिर इसका उद्देश्य क्या है, ये किसान नेता बताएं ? कल के घटनाक्रम के बाद 40 किसान नेता अब कहां है ?
डिप्टी सीएम ने ये भी पूछा कि जब केंद्र सरकार नये कानूनों में संशोधन के लिए तैयार तो फिर चर्चा क्यूं नहीं हो रही है ? उन्होंने कहा कि अगर किसान चर्चा करना चाहते है तो वे स्वयं केंद्र से बातचीत करके मध्यस्थता के लिए तैयार है क्योंकि चर्चा के बिना किसी समस्या का समाधान नहीं निकलता। 3 नए कानूनों से किसानों को क्या खतरा है, उस पर चर्चा होनी चाहिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार प्रदेश में अतिरिक्त मंडियां बना रही है, ज्यादा से ज्यादा फसलों की एमएसपी पर खरीद और फिर सीधा किसानों के खातों में भुगतान हो रहा है। क्या अन्य राज्य में पिछले डेढ़ साल से निरंतर किसानों के खातों में पैसा देने वाला अन्य कोई राज्य है ? उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते ही सरकार ने सिरसा की नई अनाज मंडी के लिए 47 एकड़ जमीन किसानों से उनके मनचाहे दाम पर खरीदी है।
आईएएस अधिकारी के वीडियो वायरल के संबंध में डिप्टी सीएम ने कहा कि एक अधिकारी द्वारा ऐसी शब्दावली का प्रयोग करना निंदनीय है और इस बारे में कार्रवाई जरूर होगी। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज के लिए यह स्पष्टीकरण बिल्कुल ठीक नहीं है कि दो दिन से सोये नहीं, उन्हें पता होना चाहिए कि किसान साल के 365 दिनों में 200 रातें नहीं सो पाता। साथ ही दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार व प्रशासन का काम है और व्यवस्था किसी सूरत में बिगड़ने नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एसडीएम का व्यवहार एक आईएएस अधिकारी की ट्रेनिंग के भी विपरीत है।
वहीं पंचायत चुनाव के संदर्भ में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनावों के लिए हम तैयार है। उन्होंने कहा कि जिस दिन कोर्ट पंचायत चुनावों में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी के कानून व बीसीए वर्ग को आठ प्रतिशत आरक्षण देने पर अपना फैसला देगा, उसके बाद पंचायत चुनावों की घोषणा कर दी जाएगी।