चंडीगढ़, 10 अगस्त। हरियाणा की गठबंधन सरकार प्रदेश के मौजूदा शिक्षा के स्तर के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी कांग्रेस के निशाने पर आ गई है।
पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सैलजा ने आरोप लगाया है कि सरकार युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने में कसर नहीं छोड़ रही है।
ऐसा लगता है कि इस सरकार को प्रदेश के छात्रों की कोई चिंता नहीं है।
सैलजा ने कहा कि सरकार सिर्फ केंद्र सरकार को खुश करने में जुटी है।
जबकि धरातल पर देखें तो वर्ष 2014 से भाजपा सरकार बनने के बाद से हरियाणा में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है।
सैलजा ने कहा कि इस सरकार की विफलताओं के कारण पहले से चल रहे प्राइमरी स्कूलों की संख्या को घटाया जा रहा है।
ऐसे में पहले से चल रहे स्कूलों में स्टाफ की कमी को पूरा करना चाहिए।
शिक्षा के मुद्दे पर श्वेतपत्र जारी करे सरकार – शैलजा
(Government should issue white paper on the issue of education – Shailja)
प्रदेश की गठबंधन सरकार को सरकारी स्कूलों की मौजूदा स्थिति को लेकर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
जिसमें बताया जाए कि इस समय स्कूलों में स्टाफ के कितने पद खाली हैं।
इससे प्रदेश के लोगों को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की कथनी और करनी का पता चल जाएगा।
उन्होंने कहा कि हालत यह हैं कि हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में पड़ोसी राज्यों से भी पिछड़ गया है।
प्रदेश में नए स्कूल खोलने की बजाए सैकड़ों स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
आज तक भाजपा सरकार ने प्राइमरी टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया तक शुरू नहीं की।
पीटीआई और ड्राइंग टीचर्स की नौकरी छीनने का काम किया।
नई भर्ती करने की बजाए संस्कृत लेक्चरर व अंग्रेजी टीचर की भर्तियों को रद्द कर दिया।
इस सरकार में बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के पेपर लीक हुए।
यह हमारे प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।