देहरादून, 16 दिसंबर। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने के लिए 1971 के युद्ध में भारत के लगभग 39 सौ जवान शहीद हुए, वही बांग्लादेश अब सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में आकर हमारे देश के खिलाफ अपशब्द बोल रहा है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा ने मानवता के मूल्यों पर गहरा आघात किया है।
सोमवार को गांधी पार्क में आयोजित विजय दिवस समारोह में अपने संबोधन की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 1971 के य़ुद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने 1971 के युद्ध में न केवल राष्ट्र की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा की बल्कि अपने अद्वितीय रण कौशल द्वारा दुश्मन को चारों खाने चित्त भी कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के साथ लड़ा गया यह युद्ध स्वतंत्र भारत के इतिहास का एक ऐसा स्वर्णिम अध्याय है, जो प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है। 1971 के युद्ध में हमारी सेना ने विश्व को दिखा दिया कि भारत न केवल अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि जरूरत पड़ने पर मानवता और न्याय की रक्षा के लिए भी खड़ा हो सकता है। इस युद्ध में हमारी तीनों सेनाओं ने मात्र 13 दिनों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।
धामी ने कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान के लगभग एक लाख सैनिकों ने 16 दिसंबर 1971 को हमारी सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जो दुनिया के सैन्य इतिहास में एक अद्वितीय घटना के रूप में दर्ज है। उस युद्ध में लगभग 39 सौ भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जिनमें वीरभूमि उत्तराखंड के 255 बहादुर सपूत भी शामिल थे। तब हमारे प्रदेश के 74 सैनिकों को अपने अदम्य साहस और शौर्य के लिए विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित भी किया गया था।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने जहां एक ओर सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि को बढ़ाने का काम किया है वहीं शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का भी निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के मौजूदा हालातों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की चिंता है। उन्होंने कहा कि छोटी – छोटी घटना पर कैंडिल मार्च के साथ ही संसद बाधित करने वाले अब पूरी तरह गायब हैं। ये कौन लोग हैं जिन्हें केवल वोट के लिए बांग्लादेश का नरसंहार तक नहीं दिखाई दे रहा है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने अपनी चिंताओं से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अवगत करा दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत हमेशा से शांति और सहिष्णुता का पक्षधर रहा है, लेकिन हमारी सद्भावना को हमारी कमजोरी समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए। हम अगर “धूल से फूल“ बनाना जानते हैं तो हम “धूल में मिलाना“ भी जानते हैं।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर विधायक खजान दास, दर्जाधारी विश्वास डाबर, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल आदि भी मौजूद रहे।