चंडीगढ़, 7 जुलाई। ट्यूबवेल कनेक्शन के नियमों में बार-बार फेरबदल कर बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों को परेशान कर रही है।
ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। उन्होंने कहा कि किसानों से करोड़ों रुपये की एडवांस वसूली के बावजूद सरकार कनेक्शन नहीं देने के बहाने ढूंढ़ रही है। कभी किसानों के ऊपर कंपनी विशेष की मोटर खरीदने की शर्त थोप दी जाती है, तो कभी सिंचाई क्षेत्र में ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं देने की। अब बिजली निगम की तरफ से कई इलाकों में ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपनाने की शर्त थोप दी गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान मुफ्त में या नाममात्र लागत पर किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन दिए जाते थे। लेकिन, भाजपा सरकार में हजारों रुपए एडवांस ले लिए जाते हैं। फिर भी किसानों को कनेक्शन नहीं दिया जाता।
एक बार फिर बिजली संकट का मुद्दा उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि बार-बार मांग और लोगों द्वारा धरना प्रदर्शन करने के बावजूद बीजेपी—जेजेपी सरकार प्रदेश में जारी बिजली संकट को दूर करने के लिए तैयार नहीं है। प्रदेश में बिजली और पानी की किल्लत से परेशान लोग जगह-जगह सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन, सरकार उनकी परेशानी को समझने के लिए तैयार नहीं है। सरकार द्वारा 24 घंटे बिजली देने दावा जुमला साबित हो रहा है। सरकार दावा करती है कि प्रदेश में सरप्लस बिजली है, लेकिन सवाल है कि वो लोगों के घरों में सप्लाई क्यों नहीं की जा रही।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि बीजेपी सरकार में दूरदर्शिता के अभाव की वजह से प्रदेश वासियों को आज बिजली संकट से दो-चार होना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने प्रदेश में यमुनानगर, खेदड़, झाड़ली और खानपुर खुर्द में 4 नये पावर प्लांट लगाए। इसके साथ भारत-अमेरिका परमाणु ऊर्जा समझौते के तहत फतेहाबाद के गोरखपुर में परमाणु बिजली संयंत्र को कांग्रेस सरकार के दौरान मंजूरी दिलाई थी। उनके कार्यकाल में हरियाणा को बिजली उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया गया था। लेकिन बीजेपी सरकार के दौरान एक भी नया पावर प्लांट प्रदेश में स्थापित नहीं हुआ। इतना ही नहीं बीजेपी सरकार ने कांग्रेस सरकार के दौरान लगाए गए पावर प्लांट्स की कई यूनिट को भी बंद कर दिया। यही वजह है कि आज लोगों को जरूरत के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है।
हुड्डा ने कहा कि आज लंबे-लंबे पावर कट और महंगाई के झटकों ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। इसलिए अब किसानों और कांग्रेस ने एक बार फिर महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान भी उन्होंने बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। उनकी मांग है कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार भी टैक्स (वैट) में कटौती करके प्रदेश की जनता को राहत दे। क्योंकि तेल के दाम बढ़ने से खेती, ट्रांसपोर्ट समेत हर काम की लागत बढ़ गई है।