बठिंडा, 26 सितंबर। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष के दौरान अपनी जान गंवा चुके किसानों के परिवारों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज इन पीड़ित परिवारों के वारिसों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे।
मुख्यमंत्री आज उप मुख्यमंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा के साथ बठिंडा जि़ले में गाँव मंडी कलाँ में मृतक खेत मज़दूर स. सुखपाल सिंह (30) के घर गए और उसके बड़े भाई स. नत्था सिंह को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।
सुखपाल सिंह जो टिकरी बॉर्डर पर धरने के दौरान बीमार हो गया था, पीजीआई में इलाज भी रहा था। 31 मार्च को सुखपाल सिंह का निधन हो गया था।
इस परोपकारी कदम के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए नत्था सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा किए गए ऐलान के तहत भोग पर परिवार को पाँच लाख रुपए की वित्तीय सहायता दी गई थी और इस राशि को वह अपने ख़स्ता हाल घर के पुनर्निर्माण पर ख़र्च कर रहे हैं।
इसी तरह मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री, दोनों ने बठिंडा जि़ले की रामपुरा तहसील के गाँव चौके स. गुरमेल सिंह को भी नियुक्ति पत्र सौंपा, जिनके अकेले पुत्र जशनप्रीत सिंह (18) की इसी साल 2 जनवरी को टिकरी बॉर्डर पर मौत हो गई थी।
पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ जज़्बात साझे करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उनको संकट की घड़ी में से बाहर निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि इन किसानों और खेत कामगारों ने कठोर कृषि कानूनों के खि़लाफ़ लड़ाई के दौरान अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण तक कुर्बान कर दिए।
चन्नी ने कहा कि यह कितनी शर्मनाक बात है कि मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने वाले राज्य के मेहनती किसान आज सडक़ों पर हैं।
मुख्यमंत्री ने दुख प्रकट किया कि केंद्र सरकार के उदासीन व्यवहार के कारण कई किसानों की कीमती जानें चली गई हैं। हालाँकि, उन्होंने कहा कि किसानों के कीमती योगदान को समझते हुए पंजाब सरकार ने मृतक किसानों के वारिसों को सरकारी नौकरियाँ देने का फ़ैसला किया था और यह वादा अब उनकी तरफ से पूरा किया जा रहा है।
चन्नी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मुश्किल की इस घड़ी में उनके कल्याण के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
किसान विरोधी कानूनों का विरोध करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन कानूनों को राज्य में लागू नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब विधान सभा पहले ही इन कानूनों को रद्द कर चुकी है, क्योंकि मुख्य तौर पर इनका उद्देश्य सिफऱ् बड़े उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के स्वार्थी हितों की पूर्ति के लिए किसानों को बर्बाद करना है।
चन्नी ने कहा कि यह किसानों की सरकार है और उनके हितों की रक्षा के लिए हर हाल में उनके साथ खड़ी रहेगी।