श्री बंडारु दत्तात्रेय ने एनआईटी कुरुक्षेत्र में आयोजित शिक्षा कुंभ का किया शुभारंभ, स्टार्टअप बनाने के लिए नई शिक्षा नीति है गेम चेंजर
चंडीगढ़, 20 दिसंबर- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा कुंभ शैक्षिक नवाचार सहयोग और सशक्तिकरण का एक प्रतीक बनने का वादा करता है, जो शिक्षा को पुनर्जीवित करने और भारत के कालातीत सांस्कृतिक और दार्शनिक मूल्यों के साथ इसके संरक्षण को सुनिश्चित करने के हमारे मिशन को मजबूत करता है।
राज्यपाल बुधवार को एनआईटी कुरुक्षेत्र, डिपार्टमेंट ऑफ हॉलिस्टिक एजुकेशन, विद्याभारती संस्थान और श्री कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के सहयोग से एनआईटी के सभागार में शिक्षा कुंभ-2023 अर्थव्यवस्था में अकादमिक-संचालित स्टार्ट अप की भूमिका पर (रेस 2023) में शिक्षा, नवाचार और उद्यमित्ता के परिदृष्य को परिभाषित करने के संदर्भ में आयोजित शिक्षा कुंभ (रेस-2023) के शुभारंभ समारोह पर बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत्त शुभारंभ किया।
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा कुंभ का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल एवं सशक्त नेतृत्व में तैयार की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार है। यह छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा के लिए एक समग्र और बहु-विषयक दृष्टिकोण की कल्पना करता है। यह नीति शिक्षा महाकुंभ/शिक्षा कुंभ के उद्देश्यों के अनुरूप कम उम्र से ही कौशल विकास उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहित करती है।
राज्यपाल ने कहा कि स्टार्ट अप बनाने के लिए नई शिक्षा नीति एक गेम चेंजर है। इसलिए नई शिक्षा नीति को जल्द अमल करे। केंद्र सरकार ने 2030 तक नई शिक्षा नीति को लागू करने का निर्णय लिया है, लेकिन प्रदेश सरकार ने 2025 तक हरियाणा में नई शिक्षा नीति को लागू करने का निर्णय लिया है। यह नीति अर्थव्यवस्था को आकार देने और नवाचार को बढ़ावा देने में अकादमिक-संचालित स्टार्टअप के महत्व के लिए कारगर है। शिक्षा महाकुंभ नवाचार उद्यमिता और कौशल विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक करीब 800 स्टार्ट अप थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब एक लाख 16 हजार स्टार्ट अप बन गए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि नई तकनीक को सीखें और इसे अमल करें। उन्होंने विद्या भारती संस्थान के बारे में कहा कि यह संस्थान भारतीय परम्परा की दृष्टि से शिक्षा नीति को लागू कर रही है तथा स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए प्रगति पर है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक सरल, लचीले और बहु-विषयक पाठ्यक्रम पर जोर देती है, जो रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल को बढ़ावा देता है। हम सबके लिए गर्व की बात है कि सरकार की एक नई पहल के अंतर्गत हम सब विकसित भारत अभियान में सफलता हासिल करने के लिए दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं। विकसित भारत अभियान शिक्षा महाकुंभ/शिक्षा कुंभ की दृष्टि से जुड़ी एक परिवर्तनकारी पहल है। इसका उद्देश्य शैक्षणिक अंकों की प्राप्ति से आगे बढक़र समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित कर युवाओं के बौद्धिक विकास को बढ़ावा देना है। समग्र शिक्षा विभाग के नेतृत्व में शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने के लिए ही नहीं बल्कि व्यक्तियों को समाज में उत्कृष्ट मूल्यवान धरोहर के रूप में विकसित करने के लिए है।