पुलिस ने राजभवन जाने से पहले कांग्रेसियों को रोका
पार्टी ने रोष प्रदर्शन के बहाने दिखाई ताकत
चंडीगढ़, 22 जुलाई। हरियाणा कांग्रेस ने वीरवार को केंद्र की मोदी सरकार पर इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए असंवैधानिक तरीके से जासूसी करवाने का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ में रोष प्रदर्शन किया।
हरियाणा में पार्टी मामलों के प्रभारी विवेक बंसल व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा कुमारी सैलजा की अगुवाई में हुए आयोजन में तमाम दिग्गज नेता व विधायक आदि शामिल हुए। यह विरोध प्रदर्शन चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से हरियाणा के राजभवन तक जाना था, परंतु पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही रोक दिया और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके विभिन्न थानों ले गए।
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रोष प्रदर्शन से पहले बैठक को संबोधित करते हुए विवेक बंसल ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, सम्मानित न्यायधीशों, पत्रकारों तथा संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की मोदी सरकार द्वारा जासूसी करवा कर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है।
उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा खुलासा किए जाने के बाद पता चला है कि मोदी सरकार ने न केवल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनके कार्यालय के कर्मचारियों के टेलीफोन हैक किए बल्कि अपने मंत्रियों के सेल फोन भी हैक किए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसा करके न केवल देश की छवि धूमिल की है बल्कि निजता के अधिकारों का भी हनन किया है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह शुभ संकेत नहीं है। जिस लोकतंत्र को कांग्रेस ने अनेकों चुनौतियों का सामना करते हुए मजबूत किया, भाजपा द्वारा उसी लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने तौर पर मोदी सरकार पर जासूसी कराने का आरोप नहीं लगा रही है, इस जासूसी खेल का खुलासा समाचारपत्रों, पोर्टल की खबरों आदि से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामने आया है। कांग्रेस पार्टी तो सिर्फ इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अथवा जेपीसी द्वारा निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रही है और देश के गृह मंत्री अमित शाह का इस्तिफा मांग रही है ताकि जांच बाधित न हो और देश की जनता के सामने सच्चाई उजागर हो सके।
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उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार कांग्रेस की मांग नहीं मानती है तो स्पष्ट हो जायेगा कि भाजपा की नीयत में खोट है औन इसने जानबूझ कर असंवैधनिक तरीके से देशवासियों की निजता के अधिकारों का हनन किया है। कुमारी सैलजा ने कहा कि स्पाईवेयर पेगासस का प्रयोग 2019 के लोकसभा चुनावों में सैल फोनों को हैक करने तथा चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए किया गया था।
उन्होंने बताया कि पेगासस स्पाइवेयर और सभी एनएसओ उत्पाद विशेष रूप से केवल सरकार को बेचे जाते हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि भारत सरकार और इसकी एजेंसियों ने विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, वकीलों और एक्टिविस्टज़ के फोन हैक करने के लिए यह स्पाइवेयर खरीदा था।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा संविधान और कानून का गला घोंट कर देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह बड़े ही दुख की बात है कि ऐसे गंभीर मामले में भी भाजपा के नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं और न्यायिक जांच की मांग करने वाली कांग्रेस पार्टी को देशद्रोही बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब से भाजपा सरकार लोगों को झूठे वादे करके सत्ता पर काबिज हुई है तब से जायज मांग करने वालों को देशद्रोही बताया जा रहा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही जनहित के मुद्दे उठाये हैं और देश सेवा ही हमारे लिए सर्वोपरी है। कांग्रेस आने वाले समय में भी सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नेतृत्व में मोदी सरकार के तानाशाही रवैये का डटकर मुकाबला करती रहेगी और इसके लिए चाहे कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े, हम न डरे हैं न डरेंगे। इस संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस द्वारा भारत के राष्ट्रपति के नाम हरियाणा के राज्यपाल के माध्यम से एक ज्ञापन भी सौंपा, जिस द्वारा इस जासूसी कांड की निष्पक्ष जांच कराने व गृह मंत्री अमित शाह को उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की गई है।
इस अवसर पर विधायक कुलदीप बिश्रोई, चौ. आफताब अहमद, डॉ. रघुबीर सिंह कादियान, गीता भुक्कल, राव दान सिंह, जगबीर सिंह मलिक, जयवीर सिंह, प्रदीप चौधरी, शमशेर सिंह गोगी, धर्मसिंह छौक्कर, शकुंतजला खट्टक, बीबी बत्तरा, शैली चौधरी, रेणु बाला, बीएल सैनी, अमित सिहाग, सुरेन्द्र पंवार, वरूण चौधरी, शीशपाल केहरवाला, मेवा सिंह, नीरज शर्मा, बलबीर बाल्मीकि, सुभाष देसवाल व इंदुराज नरवाल, वरिष्ठ नेता चंद्रमोहन, चौ. अकरम खान, सुशील इंदौरा व चरणजीत सिंह रोड़ी, कैप्टन अजय यादव, अशोक अरोड़ा, सुभाष बत्तरा, कृष्णमूर्ति हुड्डा, परमवीर सिंह व बिजेन्द्र सिंह कादियान, पूर्व मंत्री, चौ. रामकिशन गुज्जर, प्रह्लाद सिंह गिल्लांखेड़ा व रामकिशन फौजी, बलवान दौलतपुरिया, जसबीर मलौर, दयानंनद शर्मा, अत्तर सिंह सैनी व भीम सैन मेहता आदि मौजूद थे।