कुरुक्षेत्र 1 जून। हरियाणा में पुलिस विभाग में शीर्ष स्तर पर अफसरों के बीच चल रहे विवाद के बीच Dalit organization लामबंद होकर एक छत के नीचे आते दिखाई दे रहे हैं।
इसका ताजा उदाहरण कुरुक्षेत्र में मंगलवार को प्रदेश के विभिन्न के दलित संगठनों ने संविधान बचाओ मोर्चा के गठन के रूप में देखने को मिला।
संविधान बचाओ मोर्चा का गठन कुरुक्षेत्र में हुई बैठक में किया गया।
जिसमे मिशन एकता समिति की अध्यक्ष और दलित नेता कांता आलडिया ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे दलित पुलिस अधिकारी वाई पूर्ण कुमार की प्रताड़ना के लिए सीधे तौर पर जिम्मेवार हैं।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कांता अलाडिया ने कहा कि वाई. पूर्ण कुमार को केवल इसलिए प्रताड़ित किया जा रहा है कि वह दलित समाज से हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पूर्ण कुमार को प्रताड़ित करने के दोषी पुलिस महानिदेशक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो Dalit organization एक बड़ा आंदोलन छेड़ेगा और इस का फैसला जींद में होने वाली बैठक में 6 जून को लिया है जाएगा।
कांता आलडिया ने आरोप लगाया कि रोहतक स्थित अस्थल बोहर के औघड़ पीर बाबा सूरतनाथ मठ की ज़मीन को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने इसका सीधा आरोप भाजपा सांसद बाबा बालक नाथ और आरएसएस पर लगाया।
उन्होंने कहा की जिस प्रकार बाबा रामकुमार नाथ को समाधि न दे कर उनका संस्कार कर दिया गया उससे पूरे औघड़ पीर समाज का अपमान हुआ है।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की हितचिंतक होने का दम भरने वाली यह सरकार हिंदू समाज की मान्यताओं को ही तार तार कर रही है।
बैठक के दौरान कुरुक्षेत्र जिले के गांव ऊमरी में रविदास धाम के लिए भूमि दिए जाने का मुद्दा भी उठा।
जिस पर मौजूद रैदास तख्त हरियाणा के प्रधान प्रीतम सिंह ने कहा की सरकार अब इस मामले में टालमटोल कर रही है।
कुरुक्षेत्र की बैठक में किसान संघर्ष को पूरा समर्थन देने के संकल्प को भी दोहराया गया।