चंडीगढ़, 30 जुलाई। 57 नगर पालिका, 21 नगर परिषदों और 10 नगर निगमों के हजारों कर्मचारियों ने हाथों में उल्टी झाड़ू लेकर प्रदर्शन करते हुए पालिका सचिवों, नगर परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों तथा नगर निगम के आयुक्तों के माध्यम से शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज के नाम सौंपा।
आंदोलनकारी कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि सरकार ने इन प्रदर्शनों से सबक लेकर पालिका कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो प्रदेश की जनता को एक बार फिर कूड़े के ढेरों से फैलती बदबू और बीमारियों का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि कर्मचारियों द्वारा आज दिए गए आंदोलन के नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार मानी गई मांगों को लागू करें और समस्याओं का समाधान करें, कर्मचारी आंदोलन करके प्रदेश की जनता को परेशान नहीं करना चाहते।
अब ये कर्मचारी 31 जुलाई को पानीपत में अग्निशमन विभाग के सभी अनुबंधित, ठेका प्रथा एवं नियमित कर्मचारियों की राज्य स्तरीय कन्वेंशन करेंगे। इसके बाद पालिकाओं, परिषदों और निगमों में लगे सभी ठेका प्रथा अनुबंधित आधार एवं अन्य कच्चे कर्मचारियों की 14 अगस्त को शहीद मदनलाल धींगड़ा सामुदायिक केंद्र आईटीआई ग्राउंड रोहतक में राज्य स्तरीय कन्वेंशन का भी आयोजन किया जाएगा तथा 17 अगस्त को हरियाणा सरकार की वादाखिलाफी वार्ता हीनता से नाराज प्रदेश के पालिका, परिषद और निगमों की महिला कर्मचारी काली चुनरी ओढ़ कर तथा पुरुष कर्मचारी काले झंडे लेकर प्रदेश के सभी 90 शहरों के मुख्य मार्गों पर रोष प्रदर्शन निकलेंगे। 24 व 25 अगस्त को पालिकाओं, परिषदों व नगर निगमों के समक्ष 12-12 घंटे की क्रमिक भूख हड़ताल की जाएगी। यदि सरकार ने इसके बाद भी 25 अप्रैल व 17 अगस्त 2020 के समझौते में मानी गई मांगों के पत्र जारी नहीं किए तथा अन्य मांगों का समाधान नहीं किया तो प्रदेश के 40 हजार कर्मचारी 27 अगस्त को 1 दिन का सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल करेंगे।
नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, वरिष्ठ उप प्रधान रमेश तुषामड, महासचिव मांगेराम तिगरा, अग्निशमन विभाग के प्रधान व संघ के उपप्रधान राजेंद्रर सिन्द, उपमहासचिव सुनील चिंडालिया ने सरकार पर पालिका कर्मचारियों के साथ वायदा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग मंत्री अनिल विज द्वारा नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के प्रतिनिधियों से 25 अप्रैल व 17 अगस्त 2020 को दो दौर की वार्ताओं में कोरोना से मौत होने पर मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को 50 लाख रुपये सहायता राशि व नियमित नौकरी देने, 4 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने सहित अन्य मांगों पर सहमति प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री से कर्मचारियों का वकील बनकर पैरवी कर मांगों को पूरा करवाने का वायदा किया था लेकिन एक वर्ष से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी मानी गई मांगों के पत्र सरकार ने जारी नही किये।
संघ नेताओं ने एक स्वर में कहा कि मांगों का समाधान नहीं किया तो संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला लेने के लिए मजबूर होगा।

