नीति के तहत वर्ष 2027 तक फसल अवशेष जलाने की समस्या का होगा निदान- राज्यपाल
चंडीगढ़, 20 फरवरी- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दतात्रेय ने कहा कि हमें न केवल आज के लिए बल्कि आने वाली पीढिय़ों के लिए भी पर्यावरण को संजोकर रखने की आवश्यकता है। सरकार ने पराली को किसानों के लिए आय का साधन बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाणा एक्स-सीटू मैनेजमेंट ऑफ पैडी स्ट्रॉ पॉलिसी, 2023 अधिसूचित की है। यह नीति पराली-आधारित परियोजनाओं में निजी निवेश बढ़ाने, किसानों को प्रोत्साहन देकर पराली का उपयोग सुनिश्चित करने पर ध्यान केन्द्रित करेगी। इस नीति के तहत वर्ष 2027 तक फसल अवशेष जलाने की समस्या को खत्म करने का लक्ष्य है।
श्री बंडारू दतात्रेय आज यहां हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि प्रकृति की सुरक्षा के लिए ने यथासंभव कदम उठाए हैं। किसानों को पराली का उचित मूल्य दिलाने के लिए मेरी सरकार ने कॉमन डिटरमाइंड प्राइस देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश की विरासत, संस्कृति और पर्यटन को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुरुक्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत की गई 97.34 करोड़ रुपये की राशि में से विभिन्न कार्यों के लिए 77.87 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। ज्योतिसर तीर्थ में 10 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में 240 करोड़ रुपये की लागत से एक अति आधुनिक अनुभव केन्द्र का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी, 2024 को लोर्कापण किया है। इसमें महाभारत के दृश्यों को आधुनिक मल्टी मीडिया प्रणाली से दर्शाया गया है।
उन्होंने कहा कि हैरिटेज सर्किट रेवाड़ी-महेन्द्रगढ़-माधोगढ़-नारनौल के अंर्तगत 29.61 करोड़ रुपये लागत की परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है। पंचकूला में नाडा साहिब गुरुद्वारा तथा श्रीमाता मनसा देवी मंदिर के विकास हेतु केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा 47 करोड़ रुपये लागत की परियोजना पर कार्य जारी है। झज्जर में स्वामी ओमानंद सरस्वती संग्रहालय की स्थापना की एक परियोजना शुरू की गई है। हिसार के राखीगढ़ी में छ: एकड़ भूमि पर संग्रहालय एवं विवेचना केन्द्रों का निर्माण कार्य जारी है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के सम्मान में अम्बाला छावनी में 22 एकड़ क्षेत्र में शहीद स्मारक का निर्माण कार्य जल्द पूरा होने वाला है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में समय-समय पर संत-महात्माओं, ऋषि-मुनियों, पीर-पैगम्बरों और गुरुओं ने समूची मानवता को जीवन का सच्चा रास्ता दिखाया है। ऐसी महान विभूतियों की शिक्षाएं पूरे समाज की धरोहर हैं। उनकी विरासत को सम्भालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सबकी है। सरकार ने आमजन, विशेषकर, युवाओं को इनकी शिक्षाओं से अवगत करवाने के उद्देश्य से ‘संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना‘ शुरू की है।