प्रदेश में अटल भू जल योजना के तहत लक्षित ग्राम पंचायतों में 1669 रेन गेज, 1000 पीजोमीटर व 2000 वाटर फ्लो मीटर लगाए गए
चंडीगढ़, 20 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में सरकार भूजल प्रबंधन के लिए निरंतर प्रयासरत है। भूजल प्रबंधन राज्य की प्राथमिकताओं में से एक है I इसी कड़ी में अटल भू जल योजना के माध्यम से भूजल स्तर में गिरावट को रोकने और समुदायों तथा संबंधित विभागों को सम्मिलित करते हुए भूजल प्रबंधन में सकारात्मक सुधार किया जा रहा है।
अटल भू जल योजना में अब तक लक्षित ग्राम पंचायतों में 1669 रेन गेज, 1000 पीजोमीटर, 2000 वाटर फ्लोमीटर लगाने के साथ साथ 2 जल गुणवत्ता प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है I किसानों को जागरूक कर कम सिंचाई वाली फसलों को अपनाने के लिए फसल विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है। अब तक लगभग 15500 हेक्टेयर जमीन पर धान की सीधी बिजाई पद्धति को किसानों द्वारा अपनाया गया है। नियमित जागरूकता बैठकों, स्कूल रैलियों, वाल पेंटिंग, स्कूल प्रतियोगिताओं, नुक्कड़ नाटक, इत्यादि आई.ई.सी. गतिविधियों का आयोजन कर किसानों/ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य निरंतर किया जा रहा है I
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने जल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल हरियाणा को भूजल बचाने में अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भूजल के महत्व के संबंध में जल संरक्षण सतत विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू है और यह सराहनीय है कि सरकार इस क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए सकारात्मक कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक भूजल-सहेली का चयन किया गया है, जो नियमित रूप से वर्षा जल मापने के साथ साथ भूजल स्तर की जानकारी किसानों एवं ग्रामीणों के साथ साझा करती है।
अटल भूजल योजना प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर शुरू की गई एक महत्वपूर्ण भूजल प्रबंधन योजना है। इस योजना का उद्देश्य भूजल स्तर में गिरावट को रोकना और समुदायों तथा संबंधित विभागों को सम्मिलित करते हुए भूजल प्रबंधन में सकारात्मक सुधार करना है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) श्री देवेन्द्र सिंह ने राज्य में भूजल की स्थिति, उपलब्धता एवं प्रबंधन के प्रति सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को त्रुटिरहित आंकड़ों के आधार पर सटीक योजना बनाकर क्रियान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मेरा पानी मेरी विरासत अभियान के तहत सरकार द्वारा की गई उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की बर्बादी रोकने के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की और भूजल के न्यायिक उपयोग को बढ़ावा दिए जाने का आह्वान किया है।
परियोजना निदेशक, अटल भूजल योजना डॉ. सतबीर सिंह कादियान ने विभागीय अधिकारियों एवं अभियान में लगे राज्य स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर के समस्त मानव संसाधन के साथ जल संसाधनों के कुशल उपयोग के संबंध में अन्य राष्ट्रों के तुलनात्मक अध्ययन हेतु वैश्विक तस्वीर जैसे मैक्सिको, इज़राइल, सिंगापुर आदि की सर्वोत्तम प्रथाओं की जानकारी साझा की ताकि तदनुसार बेहतर भूजल प्रबंधन करते हुए भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके। जल प्रबंधन हर नागरिक की जिम्मेवारी है और संबंधित विभागों के सकारात्मक सहयोग से मिलकर भूजल प्रबंधन करना ही समय की जरूरत है।

