चंडीगढ़, 23 मई। हरियाणा में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सरकार द्वारा private hospitals के लिए तय किए गए रेट एक मुद्दा बनता जा रहा है।
मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़े कर दिए हैं और इस मामले में पड़ोसी राजस्थान की कांग्रेसी सरकार के पैटर्न को अपनाकर रेट आधे किए जाने की मांग की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा कुमारी सैलजा ने सरकार द्वारा राज्य के private hospitals में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से तय किए गए रेट आम आदमी की पहुंच से बाहर बताते हुए कहा कि रेट पड़ोसी राज्य राजस्थान से दोगुने हैं।
इस लिए सरकार तुरंत प्रभाव से कोरोना मरीजों के रेट राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर तय करे और मौजूदा रेट आधे कर जनता को राहत पहुंचाए।
उन्होंने कहा कि सरकार से प्रदेश के private hospitals में कोरोना संक्रमित मरीजों को मुफ्त इलाज व दवाइयां मुहैया करवाने की मांग भी काफी पहले उठाई गई थी लेकिन, इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने तय किए गए रेट का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार द्वारा ऑक्सीजन के साथ आइसोलेशन बेड के लिए आठ से दस हजार और बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड के लिए 13 हजार से 15 हजार रु, वहीं वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड के लिए 15 हजार से 18 हजार रु प्रतिदिन के हिसाब से तय किए गए हैं।
दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बेड का रेट 5 हजार से 5500 रू प्रतिदिन तय किया हुआ है।
इसी के साथ बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड के रेट 7500 रु से 8250 रु रखे गए हैं। वहीं वेंटीलेटर के साथ आईसीयू बेड का प्रतिदिन का चार्ज 9 हजार रु से 9900 रू रखा गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच सरकार की विफल नीतियों के चलते जनता भारी आर्थिक तंगी में हैं।
हरियाणा की बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे ज्यादा है। महंगाई लगातार आसमान छू रही है।
ऐसे समय में कोरोना पीड़ित लोगों से भारी भरकम राशि वसूलना आम जनता के लिए मुसीबतें बढ़ाने वाला है।