चंडीगढ़, 23 सितंबर। हरियाणा फसल अवशेष जलाने और राज्य में सर्दियों के मौसम में air pollution के मुद्दों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
यह बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान कही।
यादव ने सर्दियों के मौसम से पहले ‘एनसीआर में एयर क्वालिटी में सुधार के लिए कार्य योजना पर चर्चा की।
बैठक में दिल्ली के मंत्री, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी शामिल हुए।
air quality में सुधार के लिए हरियाणा के कदमों की सराहना करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार का एक लाख एकड़ क्षेत्र में बायो-डीकंपोजर तकनीक का उपयोग करने का निर्णय निश्चित रूप से पराली प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने उद्योगों को CNG और PNG में शिफ्ट करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पराली प्रबंधन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है।
फॉर्मलडिहाइड इंडस्ट्रीज को फिर से खोलना चाहिए
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से यमुनानगर में फॉर्मलडिहाइड उद्योग को फिर से खोलने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से यमुनानगर में फॉर्मलडिहाइड उद्योग को फिर से खोलने का आग्रह किया।
मनोहर लाल ने कहा कि कुछ आपत्तियों के कारण इन उद्योगों को बंद कर दिया गया था लेकिन, बाद में इनके पुन: संचालन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था, परंतु दोबारा अदालत के आदेश के कारण यह इकाइयां बंद हैं।
मनोहर लाल ने कहा, “मैं केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं, ताकि इन इकाइयों को फिर से शुरू किया जा सके और उद्योगपतियों को कुछ राहत मिल सके।”
CNG-PNG pipeline बिछाने के कार्य में तेजी लाई जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में जहां CNG और PNG pipeline उपलब्ध है, वहां औद्योगिक इकाइयों को CNG और PNG में बदलने का काम पहले ही चरणबद्ध तरीके से किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में जहां CNG और PNG pipeline उपलब्ध है, वहां औद्योगिक इकाइयों को CNG और PNG में बदलने का काम पहले ही चरणबद्ध तरीके से किया जा चुका है।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में जहां अभी CNG और PNG pipeline नहीं है, उन क्षेत्रों में राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा pipeline बिछाने के काम में तेजी लाई जाए, ताकि इन पाइपलाइनों की अनुपलब्धता के कारण उद्योग बंद होने की स्थिति में न आएं।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से यह भी आग्रह किया कि प्रदूषण नियंत्रण प्रावधानों को पूरे एनसीआर की बजाय जिले के अनुसार लागू या बनाए जाएं।
फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान अवशेषों के प्रबंधन व उत्पाद के लिए धान की पराली पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए योजना लागू की गई है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसके लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए दिन-प्रतिदिन के आधार पर की जा रही कार्रवाई की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।