चंडीगढ़, 26 सितंबर। हरियाणा सरकार ने केंद्र से दुग्ध, पशुपालन व मछलीपालन क्षेत्र के विस्तार के लिए विकास योजनाओं के लिए मांग रखी है।
इस सिलसिले में प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने नई दिल्ली में केन्द्रीय मत्स्य,पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला से मुलाकात कर प्रदेश में दुग्ध, पशुपालन व मछली पालन के क्षेत्र में हुए विकास के बारे में जानकारी दी।
केन्द्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी की सोच है कृषि के साथ अन्य विकल्पों को अपनाकर किसान की आय को दोगुना किया जाए।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य का एक हिस्सा है जिसमें देश के मछली पालकों के लिए अनेक सुविधाएं दी गई है।
योजना के तहत सभी प्रोजेक्ट्स पर सामान्य जाति के प्रार्थियों को 40 प्रतिशत व अनुसूचित जाति व महिला प्रार्थियों को 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
दलाल ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि हरियाणा प्रदेश में केन्द्र की इस योजना को जोरशोर से लागू किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में झींगा मछली पालन का जहां वर्ष 2014 में केवल 28 हैक्टेयर भूमि तक सीमित था वहीं अब 493 हैक्टेयर भूमि में मछली पालन किया जा रहा है। वर्ष 2024-25 तक इसे 4 हजार हैक्टेयर भूमि तक किए जाने का लक्ष्य है।
उन्होंने बताया कि कृषि के अनुपयोगी सिद्घ हुई भूमि को मछली पालन के लिए किसानों को लीज पर दी जाएगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि मछली पालन के अलावा प्रदेश में पशुपालन को बढावा देने के लिए प्रदेश सरकार पशुपालकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दे रही है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पशुओं का बीमा कर पशु पालकों को जोखिम रहित किया गया है वहीं कृत्रिम गर्भाधान स्कीम से नस्ल सुधार पर जोर दिया जा रहा है।
इसके साथ ही पशुपालक गायों के लिए 100 प्रतिशत व भैंसों के लिए 50 से 60 प्रतिशत तक इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
दलाल ने बताया कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में दो दशकों में अढाई गुणा तक बढोतरी हुई है।
राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता जो वर्ष 2016-17 में 930 ग्राम प्रतिव्यक्ति थी, वो अब 1344 ग्राम प्रतिव्यक्ति तक बढ गई है।
कृषि मंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से प्रदेश में मछली एवं पशुपालन के लिए अन्य विकास योजनाओं को क्रियांवित करने की मांग रखी जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने उचित आश्वासन दिया।