चंडीगढ़, 22 सितंबर। हरियाणा सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत गीता महोत्सव की तर्ज पर राज्य में ‘कृष्णा-उत्सव’ भी शुरू करेगी जिसमें श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंगों को झांकी, संगीत, नृत्य व आधुनिक तकनीक के सहयोग से मनमोहक अंदाज में दिखाया जाएगा।
इस उत्सव की रूपरेखा बनाने के लिए आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री ने ‘कृष्णा-उत्सव’ से संबंधित कार्यक्त्रम के बारे में निर्देश दिए कि जिस प्रकार से फरीदाबाद जिला में सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला व कुरूक्षेत्र का गीता महोत्सव का राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष महत्व है, उसी प्रकार प्रस्तावित ‘कृष्णा-उत्सव’ का आयोजन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का हरियाणा की भूमि से विशेष संबंध है। कुरुक्षेत्र में उन्होंने अर्जुन को श्री गीता का उपदेश दिया था जिसमें कर्म की महत्ता पर बल दिया गया।
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि ‘कृष्णा-उत्सव’ में भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों का वर्णन दिखाया जाएगा।
इसमें उनकी बाल लीला से लेकर रासलीला तक, एक साधारण मानव से लेकर उनके राजा और कर्मयोगी आदि के व्यक्तित्व का दर्शन करवाया जाएगा।
इस उत्सव के दौरान झांकियों के माध्यम से कृष्ण अवतार व थियेटर के मंचन से उनकी रासलीला व संगीत कला प्रदर्शित की जाएगी।
कथावाचन द्वारा बाल गोपाल प्रसंग का वर्णन होगा। आधुनिक तकनीक के माध्यम से महाभारत में श्रीकृष्ण की मार्गदर्शक की भूमिका दिखाई जाएगी।
यही नहीं देशभर में भगवान श्रीकृष्ण के जितने भी प्रसिद्घ मंदिर हैं उन मंदिरों की आरती के भी इस ‘कृष्णा-उत्सव’ में लोग लाइव दर्शन कर पाएंगे।
बहरहाल, राज्य सरकार जिस प्रकार से इस ‘कृष्णा-उत्सव’ के भव्य आयोजन की तैयारियां कर रही है उससे स्पष्ट तौर पर जाहिर होता है कि गीता महोत्सव की भांति इस उत्सव से भी धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ हरियाणा में सामान्य पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढ़ेसी,‘रिसोर्स मोबीलिजेशन सैल’ के एडवाइजर योगेंद्र चौधरी, कला एवं सांस्कृतिक विभाग मामलों के प्रधान सचिव श्री डी. सुरेश समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।