चंडीगढ़, 27 जुलाई। हेमसा के प्रतिनिधिमंडल ने लिपिक वर्ग की समस्याओं के समाधान को लेकर शिक्षा मंत्री से उनके चंडीगढ़ निवास पर व अतिरिक्त निदेशक से शिक्षा सदन पंचकूला में मुलाकात की।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से सम्बद्ध हरियाणा एजुकेशन मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन (हेमसा) के राज्य प्रधान शर्मिला हुड्डा व महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री व अतिरिक्त निदेशक को गत वर्ष ऑनलाइन ट्रांसफर में एनिवेयर में दूरदराज स्थानांतरित किए गए लिपिकों का तुरन्त समायोजन करने,मिडल स्कूलों की पोस्ट को केप्ट न करने, वरिष्ठता सूची को अपडेट करने,असिस्टेंट, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, सुपरिंटेंडेंट व स्टेटिकल असिस्टेंट के पदों पर प्रमोशन करने, विकलांग कर्मचारियों की सरकार की हिदायतों अनुसार प्रमोशन करने,एसीपी अवार्ड करने, एस ई टी सी के स्थान पर विभागीय रिफ्रेशर कोर्स करवाने,एलिमेंट्री विभाग में लिपिकों के एसीएपी में आ रही तकनीकी त्रुटि को दूर करने,वर्कलोड अनुसार नए पद स्वीकृत करने व सेवा नियमों में संशोधन करने बारे फील्ड मिनिस्टीरियल स्टाफ का पक्ष प्रस्तुत किया। प्रतिनिधिमंडल में संदीप सांगवान, कमलजीत बख्तूआमुकेश खरब व राजेश मोर शामिल थे।
महासचिव सतीश सेठी ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधमंडल को ध्यानपूर्वक सुनकर समस्याओं के समाधान के लिए अगले सप्ताह अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा (एसीएस) व निदेशालय के अधिकारियों के साथ हेमसा की बैठक करने का भरोसा दिलाया है।
सेठी ने यह भी कहा कि शिक्षा निदेशक द्वारा फील्ड के लिपिक वर्ग की समस्याओं की काफी समय से अनदेखी की जा रही है। आज 27 जुलाई को भी लिखित पत्र भेजकर हेमसा के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया परंतु खुद ही बैठक में नहीं आए ओर हेमसा का पक्ष सुनने के लिए अतिरिक्त निदेशक महोदया की ड्यूटी लगा दी गई। शिक्षा सदन द्वारा बैठक से पहले बिना जांचे-परखे 23 जुलाई को जो टेनेटिव सीनियोरिटी लिस्ट जारी की गई है, उसमे 600 से ज्यादा कर्मचारी या तो रिटायर हो चुके है या उनका निधन हो चुका है। इसके इलावा निदेशालय द्वारा वर्ष 1990 में नियुक्त हुए लिपिकों की 32 साल की नोकरी के बाद भी असिस्टेंट की पोस्ट पर प्रमोशन नही की जा रही है। जबकि पद खाली पड़े है।
कर्मचारी प्रमोशन की इंतज़ार में रिटायर होते जा रहे है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन सदैव बातचीत से समस्याओं के समाधान की पक्षधर रही है। परंतु कर्मचारियों की जायज समस्याओं का समय पर समाधान न करना और ऊपर से कर्मचारी संगठन से बात ही न करना लोकतंत्र व्यवस्था में उचित नही है। हेमसा इस बारे अगले सप्ताह होने वाली बैठक में शिक्षा मंत्री महोदय के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगी।