चंडीगढ़, 11 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्रीनायब सिंह ने प्रदेश के विरासत स्थलों, संरचनाओं, संग्रहालयों और कलाकृतियों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ानेके लिए पुरातत्व और संग्रहालय विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों को बढ़ाने का आह्वानकरते हुए कहा कि विभाग इस दिशा में और तेज़ी से कार्य करे ताकि हरियाणा की समृद्धसांस्कृतिक विरासत के साथ अधिक से अधिक लोगों और पर्यटकों की भागीदारी को प्रोत्साहितकिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने यहां 12 राज्य संरक्षित स्मारकों की विशेषता वाले एक कस्टमाइज्ड माईस्टैम्प को जारी करते हुए ये बात कही। उन्होंने विभाग द्वारा 38 नए अपनाए गए स्मारकों और स्थलों का अनावरण भी किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राज्य की विरासत और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देनेके लिए विभाग के पांच नए प्रकाशनों का भी अनावरण किया।
नायब सिंह ने कहा कि हरियाणाराज्य की समृद्ध विरासत और संस्कृति गर्व का स्रोत हैं। यह जरूरी है कि हम इन खजानोंको अपने निवासियों और आगंतुकों दोनों के लिए सुलभ और ज्ञात बनाएं। ये प्रकाशन इस प्रयासमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने पुरातत्व एवं संग्रहालयविभाग द्वारा शिक्षा विभाग के साथ मिलकर शैक्षिक पहल की सराहना करते हुए प्रदेशके विरासत स्थलों और स्मारकों पर विद्यार्थियों की यात्राओं को बढ़ाने की आवश्यकतापर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल हमारी युवा पीढ़ी में गर्व औरजागरूकता की भावना पैदा करने के साथ साथ हमारी सांस्कृतिक जड़ों के साथ गहरा जुड़ाव पैदा करेगी।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा के पुरातत्वस्थलों में भी रुचि व्यक्त करते हुए विरासत स्मारकों के जीर्णोद्धार के लिए वित्तीयसहायता का आश्वासन भी दिया। उन्होंने हरियाणा के बहुमूल्य स्मारकों और समृद्ध विरासतके संरक्षण के लिए विभाग की टीम प्रयासों की भी सराहना की।
30 और स्थलों की हुई पहचान, राज्य संरक्षित स्थल घोषित करने की प्रक्रिया जारी
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग कीप्रधान सचिव कला रामचंद्रन ने कहा कि वर्ष 1972 में विभाग की स्थापना के बाद से यह राज्य के लिए पहली बार है कि हरियाणा डाक सर्किलके मुख्य पोस्टमास्टर जनरल के सहयोग से 12 राज्य संरक्षितस्मारकों पर डाक टिकट शीट जारी की जा रही है। ये कस्टमाइज्ड स्टाम्प शीट गुणवत्तापूर्णस्मृति चिन्ह के रूप में काम करती हैं जो जनता के बीच सांस्कृतिक संवेदनशीलता को दर्शातीहैं तथा उन्हें राज्य की विरासत से जुड़ने में मदद करती हैं। उन्होंने बताया कि विभागने राज्य संरक्षण के लिए 38 विरासत स्थलों को अपनाया है, और संरक्षण में पहले से ही 40 स्थल हैं। इसके अलावा, 30 और स्थलों की पहचान की गई है तथा उन्हें राज्य संरक्षित स्थलघोषित करने की प्रक्रिया चल रही है।
बैठक में पुरातत्व एवं संग्रहालयनिदेशक अमित खत्री ने राज्य संरक्षण में लिए गए 38 स्थलों पर एक प्रस्तुति दी तथा पुरातत्व एवं संग्रहालय विभागकी विभिन्न पहलों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इन पांच नए प्रकाशनोंका किया अनावरण
मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए गए पांचप्रकाशनों में “आर्केन: द अनटोल्ड हरियाणा”, “स्प्लेंडर्स ऑफ नारनौल”, “हमारा हरियाणा: प्रारंभिक ऐतिहासिक काल”, “हमारा हरियाणा: प्रागैतिहासिक काल” और “नारनौल की अज्ञात विरासत”शामिल हैं।
इस अवसर पर हरियाणा डाक सर्किल अंबालाके मुख्य पोस्टमास्टर जनरल कर्नल एस.एफ.एच. रिजवी, पुरातत्व एवं संग्रहालय उपनिदेशक श्रीमती बनानी भट्टाचार्य और अन्य अधिकारी भीउपस्थित थे।