चंडीगढ़, 22 अक्तूबर। High Court में टैक्स डिफॉल्टर प्राईवेट बस कंपनी की याचिका रद्द हो गई है।
इसे पंजाब में में परिवहन महकमें के चल रहे अभियान को ताकत के रूप में देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि परिवहन मंत्री अमरिन्दर सिंह राजा वडि़ंग इन दिनों टैक्स डिफॉल्टरों के विरुद्ध मुहिम छेड़े हुए हैं।
इस मुहिम को अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के ताजा कदम से बड़ी राहत मिल गई है।
एक प्राईवेट बस ऑपरेटर न्यू दीप बस कंपनी, आरटीए (फरीदकोट) के फ़ैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी।
इस याचिका को पंजाब और हरियाणा High Court ने रद्द करते हुए कोई राहत देने से इन्कार कर दिया।
High Court में कंपनी की दलीलें नहीं आई काम
कंपनी ने अदालत में माना था कि उसने जनवरी से अक्तूबर 2021 तक टैक्स का बकाया नहीं भरा।
टैक्स जमा न करवा सकने के लिए कंपनी ने कई कारण भी गिनाए।
इनमें एक कारण कोरोनाकाल में बंदिशों के चलते कम सवारियां होने का बताया गया।
इसके अलावा पंजाब सरकार द्वारा महिलाओं को मुफ़्त बस सफर से भी घाटा हुआ।
एक अन्य कारण दूसरे राजनैतिक पक्ष से संबंधित होने के कारण दुश्मनी निकालने का भी दिया गया।
हाईकोर्ट ने ये दलीलें सुनी और टैक्स भरने के समय में राहत देने से कोई भी ढील देने से इंकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब परिवहन विभाग ने टैक्स डिफॉल्टर ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ सख्ती की हुई है।
अब तक टैक्स के रूप में 4.29 करोड़ रुपए वसूले जा चुके हैं।
इस मुहिम दौरान विभिन्न आरोपों के तहत 258 बसें जब्त की जा चुकी हैं।
दूसरी तरफ 10 महीने टैक्स न भरने के कारण न्यू दीप बस कंपनी की 26 बसों को भी जब्त किया गया है।
कंपनी ने टैक्स भरने की बजाए आरटीए के सामने किश्तों में टैक्स भरने व बसें छोड़ने की अपील की थी।
इस पर आरटीए सहमत नहीं था और अपील को रद्द कर दिया गया था।
कंपनी ये मामला परिवहन की हाई अथॉरिटी के पास जाने की बजाए High Court चली गई।
सरकारी वकीलों ने अदालत में कहा कि कंपनी चाहे तो परिवहन की हाई अथॉरिटी तक जा सकती है।
फैसले से मंत्री संतुष्ट
परिवहन मंत्री अमरिन्दर सिंह राजा वडि़ंग ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है।
उन्होंने कहा कि इससे टैक्स देनदारियों की वसूली के लिए रास्ता साफ हुआ है।