शिमला, 8 सितंबर। हिमाचल इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में मॉडल स्टेट बनेगा।
यह बात प्रदेश के परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने विभाग की रिव्यू मीटिंग के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण होगा।
मंत्री ने कहा कि इससे राज्य के विकास में भी फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना की मदद से लोग पुरानी गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर प्रेरित होंगे।
परिवहन मंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए इन गाड़ियों के लिए चार्जिंग स्टेशन और चार्जिंग प्वाईंट लगाए जाएंगे।
यह सुविधा पैट्रोल पम्पों और अन्य स्थानों पर भी उपलब्ध होगी।
इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को नोडल एजेंसी के रूप में चिन्हित किया गया है।
बैठक में नादौन में ट्रांसपोर्ट नगर तथा ड्राईविंग प्रशिक्षण और जांच केन्द्र खोलने पर भी मंथन हुआ।
मंत्री ने अधिकारियों को इस संबेध में शनिवार तक विस्तृत रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उन्होेंने कहा कि स्वर्ण जयन्ती परिवहन योजना के तहत प्रदेश में 22 सितंबर से पहले राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
यह समिति प्रदेश में विभिन्न एम्बुलेंस सड़कों को एम्बुलेंस परिचालन के लिए पास करने के लिए अपनी संस्तुति देगी।
प्रदेश में लगभग 300 एम्बुलेंस सड़कों को पास करने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।
बिक्रम सिंह ने कहा कि बद्दी में 16.35 करोड़ रूपये की लागत से 32 बीघा जमीन पर ऑटोमैटिक व्हीकल टैस्टिंग सेंटर खोले जाएंगे।
इस सेंटर को बनाने व जायजा लेने के लिए वे खुद अधिकारियों के साथ साइट का दौरा करेंगे।
बैठक में एसीएस (परिवहन) जेसी शर्मा, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के एमडी संदीप कुमार समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।